जालंधर, ENS: लुधियाना में आढ़त का काम करते व्यक्ति ने मौजूदा DSP पर 2 करोड़ 70 लाख रुपए की ठगी के आरोप लगाए है। पीड़ित व्यक्ति शीश पाल पुत्र बलवीर चंद निवासी लुधियाना ने जालंधर में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि वह खन्ना ट्रेडिंग कंपनी के नाम से न्यू ग्रेन मार्केट, जिला लुधियाना में आढ़त का काम करता है। पीड़ित का कहना है कि वर्ष 2013 में सूरज सिंह, सतपाल सोहे ने मौजूदा एसएचओ थाना सदर खन्ना वरियाम सिंह, जो अब डीएसपी पद पर तैनात हैं, उसके साथ मिलकर मुझसे 2 करोड़ 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पीड़ित ने कहा कि सूरज सिंह ने 2013 में उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करायी थी। थाना सदर में तैनात SHO वरयाम सिंह उसे बिना कोर्ट की इजाजत के और बिना कोई केस दर्ज किए थाने ले गए।
पीड़ित का आरोप है कि अगस्त 2013 में उसे जबरन पुलिस स्टेशन ले जाकर 4 दिनों तक प्रताड़ित किया गया और थानेदार ने कोर्ट से कोई रिमांड नहीं लिया और न ही कोई गिरफ्तारी लिखी। पीड़ित ने आरोप लगाए है कि थाना प्रभारी उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। पीड़ित का कहना है कि इस दौरान केनरा बैंक खन्ना में मेरा खाता जो पीर एजेंसी के नाम पर था उसे फ्रीज करवा दिया गया। इसके बाद वह इंडियन बैंक खन्ना के शाखा प्रबंधक के पास गया और जबरन अपना खाता सीज करवा दिया। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक में मेरा खाता भी बंद कर दिया गया। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके बाद SHO वरयाम सिंह ने SPD भूपिंदर सिंह, जगजीत सिंह और गुरदीप सिंह ASI के साथ मिलकर उसकी सहमति के बिना उसके खाते से जबरन 2 करोड़ 70 लाख रुपये निकाल लिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने एक आरटीआई भी दायर की थी, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि वह जिस स्थान पर रहता हूं वह सिटी खन्ना थाने के अंतर्गत आता है। पीड़ित व्यक्ति का आरोप हैकि इस मामले की उनके खिलाफ झूठी शिकायत और गलत कार्रवाई सदर खन्ना थाने में की गई। जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट गया। उन्होंने कहा कि मैंने किसानों का पैसा देना था जो मैं नहीं दे पाया। पीड़ित ने कहा कि इस कारण वह बिहार में रहने वाले किसान, जमींदारों का पैसा नहीं चुका सके और उसके खिलाफ बिहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किए गए। जिसके कारण वह बिहार की कई जेलों में रहा है। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि इन पुलिस अधिकारियों और लोगों के धोखे के कारण वह बुरी तरह फंस गया है और बर्बाद हो गया है। पीड़ित ने कहा कि इस मामले को लेकर उसने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।
उनके द्वारा डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पास शिकायत दर्ज की गई, जिसके बाद लुधियाना के आईजी और एसएसपी खन्ना से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने ताकीद भी हुई थी। इसके बाद गृह सचिव की ओर से एडीजीपी जांच भी कराई गई और फिर केस दर्ज करने को कहा गया। पीड़ित का आरोप है कि लेकिन इस मामले को लेकर आज तक केस दर्ज नहीं हुआ। पीड़ित ने कहा कि उसकी लुधियाना में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पीड़ित ने आरोप लगाए है कि डीएसपी वरियाम सिंह अब रिटायरमेंट ले रहे हैं और वह विदेश जाने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि अगर उनके खिलाफ एफआईआर नहीं हुई तो वह विदेश भाग जाएगा। इसलिए आज प्रेस वार्ता के दौरान पीड़ित ने पंजाब सरकार और पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से से गुहार लगाई है कि उसे न्याय दिलवाए और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें।