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जालंधरः ‘आप’ के बाद अब कांग्रेस में विरोध शुरू, चन्नी के केक काटने पर विक्रम चौधरी का आया बयान

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जालंधर, ENS: आप पार्टी में चल रही कलह के बाद अब कांग्रेस में नेताओं का विरोध शुरू हो गया है। दरअसल, बीते दिन आदमपुर से विधायक सुखविंदर सिंह और लाडी शेरोंवालियां और अन्य नेताओं द्वारा पूर्व चरणजीत सिंह चन्नी का उनके जन्मदिन पर केक काटा गया। इस दौरान केक पर चन्नी जालंधर लिखा हुआ था। वहीं साडा चन्नी विच जालंधर के नारे लगाए है। इस मामले को लेकर विक्रम चौधरी का बयान सामने आया है। दरअसल, जालंधर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में घमासान मच गया है। क्योंकि केक काटने के बाद एक बार फिर से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का नाम जालंधर की सीट पर तय माना जा रहा है, लेकिन इससे स्वर्गीय पूर्व सांसद संतोख सिंह चौधरी के विधायक बेटे नाराज नजर आ रहे हैं।

वहीं संतोख सिंह चौधरी के बेटे व फिल्लौर हलके से विधायक सरकार बिक्रमजीत सिंह चौधरी भड़क गए। बिक्रम चौधरी ने कहा कि चन्नी दो सीटों से अपनी जमानत जब्त करवा चुके हैं और अब जालंधर से ट्रायल करना चाह रहे हैं। चन्नी के जालंधर से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच ये चौधरी परिवार की पहली प्रतिक्रिया है। बिक्रम चौधरी ने कहा कि मेरी तरफ से चन्नी साहिब को जन्मदिन की बधाई हो। मगर केक पर जालंधर लिखवा लेने से पार्टी टिकट नहीं दे रही। जालंधर में कांग्रेसी लीडरों की कमी नहीं है। कांग्रेस के लिए मेरे पिता चौधरी संतोख सिंह शहीद हुए हैं। जालंधर में भी स्ट्रॉन्ग लीडरशिप मौजूद है। चन्नी साहिब पहले दो हलकों से तो अपनी जमानत नहीं बचा पाए, अब जालंधर में ट्रायल करना चाह रहे हैं क्या। बिक्रम चौधरी ने कहा- मैं चमकौर साहिब की जनता से अपील करूंगा कि वहां पर चन्नी का केट कटवाएं। कई बार दूर से आया केट रास्ते में ही खट्टा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि चन्नी साहिब कभी कहते हैं कि मैं बकरी का दूध निकाल लेता हूं, कभी कहते हैं कि मैं पंचर भी बना लेता हूं और कभी कहते हैं कि मैं पतंग उड़ा लेता हूं। मगर मैं बता देना चाहूंगा कि जालंधर के लोग इन बातों से प्रभावित नहीं होते। इन बातों का कोई फायदा नहीं है। कांग्रेस ने बहुत कम समय में चन्नी को मंत्री बनाया और फिर मुख्यमंत्री बनाया। मगर फिर वह चमकौर साहिब से अपनी जमानत नहीं बचा पाए। बता देंकि इससे पहले आप पार्टी छोड़कर गए शीतल अंगुराल ने पार्टी पर सवाल खड़े किए थे। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर कुछ ठीक नहीं है और ना ही कामों को लेकर उनकी सुनवाई हो रही है। वहीं सुशील रिंकू ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पंजाब में नशा, केबल माफिया और गुंडागर्दी अभी भी कम नहीं हुई है और ना ही सही से विकास हो पाया है, जिसके चलते वह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए है।

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