जालंधर, ENS: साइबर ठगों ने डीएसपी बनकर डिफेंस स्टेट से रिटायर हुए व्यक्ति से दो लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने पीड़ित को कहा कि उसके बेटे को नशा तस्करी के केस में पकड़ा है। इस को सुनकर पीड़ित ने पत्नी के घुटनों के इलाज के लिए रखे पैसों में पैसे दे दिए। अपने साथ हुई ठगी का पता चलने के बाद पीड़ित ने शिकायत पुलिस के उच्च अधिकारियों को दी और जांच के बाद चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले जैबन, बिहार के अशोक, मोहन और गौतम के रूप में हुई है।
जुल्फीराम निवासी जोगिन्दर नगर ने बताया कि उसे पिछले साल वाट्सएप पर काल आई और वाट्सएप पर डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी की फोटो लगी हुई थी। काल करने वाले ने कहा कि उसके बेटे अमित ने किसी लिफ्ट दी है और उसके पास नशा था। उसे नशा तस्करी के केस में पकड़ा है और बेटे बात करना चाहता है। बेटे से बात की तो पहले उसे रोने की आवाज सुनाई दी। उसे लगा कि बेटे कोई मुसीबत में है। खुद को पुलिस अधिकारी बताने वाले साइबर ठग ने मामले को रफा दफा करने के लिए पहले 50 हजार रुपये की मांग की और काल करने वाले ने कहां की काल काटनी नहीं है।
उसे तुरंत पैसे चाहिए, जिसके बाद वह बैंकों में गया और उसने अपनी पत्नी के घुटनों के इलाज के लिए रखे हुए पैसों को साइबर ठगी के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने बताया कि 50 हजार रुपये लेने के बाद साइबर ठग ने उसे कहा कि मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया है अगर उन्हें पैसे नहीं दिए तो केस दर्ज हो जाए 50 हजार रुपया उन्हें भी देना होगे। उसने दोबारा 25 हजार अपने अकाउंट और 25 हजार रुपये अपने किसी रिश्तेदार से लेकर दोबारा पचास हजार रुपये ठगों के खाते में डाल दिया।
एक लाख रुपये लेने के बाद साइबर ठगों ने दोबारा उससे फिर फोन करके एक लाख रुपया की मांग की तो उसने अपने किसी रिश्तेदार से बात की और उनके साथ खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले ठग की बात करवाई तो उसने उसके खाते से एक लाख रुपया के खाते में डलवा दिया। दोबारा फिर पैसे मांगे न होने के कारण पैसे देने से मना कर दिया तो उसके साथ गाली गलोज करने शुरू कर दी और काल काट दी, जिसके बाद बैंक वालों से पता चला कि उनके साथ ठगी हो रही है। पीड़ित ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत पुलिस के उच्च अधिकारियों को दी और थाना रामामंडी की पुलिस ने जांच के 11 महीने के बाद चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।