नई दिल्लीः सरकारी कर्मचारी होना आज के समय में बेहद मायने रखता है। सरकारी कर्मचारी को शादी से लेकर समाज तक में अलग रसूख मिलता है। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों में अपनी निजी गाड़ियों पर भारत सरकार लिखना आम हो गया है। भारत सरकार ही नहीं, बल्कि लोग मंत्रालयों, विभागों और पदों के भी नाम लिखते हैं, जो कानूनी तौर पर सही नहीं है, साथ ही परिवहन विभागों के नियमों का उल्लंघन भी है। लेकिन लोग इसकी परवाह नहीं करते। इसका संज्ञान लेते हुए भारत सरकार ने एक शासनादेश उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों और सभी जिलों के लिए जारी किया है।
इसमें किसी भी प्राइवेट वहिकल पर भारत सरकार, उसके मंत्रालय, विभाग या पदों का नाम लिखवाने पर सख्त हिदायत दी गई है। शासनादेश में कहा गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा प्राइवेट या पर्सनल वहिकल पर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया नहीं लिखवाया जाएगा। ये दिशानिर्देश सभी मंत्रालय और विभागों के कर्मचारियों परलागू होगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया है।
1 सितंबर 2019 से लागू मोटर वाहन कानून (Motor Vehicle Act 2019) में भी स्पष्ट दिशानिर्देश हैं और नंबर प्लेट में कोई भी अन्य बात लिखने को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना गया है। वाहनों के नंबर प्लेट में ऐसा कोई भी पद, मंत्रालय, विभाग आदि लिखने को छेड़छाड़ ही माना जाता है। ट्रैफिक रूल्स के हिसाब से तो नंबर प्लेट पर रोमन में ही नंबर अंकित कराया जा सकता है।
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, अजीबोगरीब अंकों या अक्षरों में नंबर लिखवाना भी गलत है। इसको लेकर 500 से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। भारत सरकार, कोई मंत्रालय, पद विभाग आदि लिखवाने पर 500 रुपये और नंबरों से छेड़छाड़ पर 5000 रुपये तक जुर्माना हो सकता है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन मालिक की गाड़ी भी जब्त की जा सकती है।
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