धर्मः शादी जिसे एक पवित्र बंधन भी कहा जाता है। यह 2 परिवारों का जुड़ाव भी है। शादी समारोह के दौरान विदाई एक अहम पल होता है। यह बेटी या बहू के लिए भावनाओं से भरा होता है, लेकिन इस भावनात्मक पल में एक बात का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है विदाई का सही समय, यानी शुभ मुहूर्त। अगर इस एक छोटी-सी बात का ध्यान रखा जाए, तो बेटी की जिंदगी में खुशियां ही खुशियां भर सकती हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि विदाई तो एक परंपरा है, किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन पंडितों और ज्योतिष से जुड़े जानकारों का मानना है कि अगर विदाई सही समय पर न हो, तो उसका असर लड़की की जिंदगी और पूरे परिवार पर पड़ सकता है।
जब बेटी या बहू को शुभ समय में विदा किया जाता है, तो घर में शांति बनी रहती है। ऐसे समय में की विदाई को सौभाग्यशाली माना जाता है। पंडितों के अनुसार, यह घर की बरकत और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है। शुभ मुहूर्त में विदा होने वाली लड़की का वैवाहिक जीवन आमतौर पर सुखद रहता है। उसका ससुराल के लोगों से तालमेल बेहतर बनता है और रिश्तों में मधुरता बनी रहती है। कुछ समय जैसे बुधवार, शनिवार या फिर खरमास जैसे विशेष काल में विदाई करना अशुभ माना जाता है। इन दिनों में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है, जिससे लड़की या उसके ससुराल पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर शुभ समय पर विदाई नहीं की जाती तो कई बार देखा गया है कि लड़की को ससुराल में तालमेल बैठाने में दिक्कत आती है। रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है और आपसी समझ कमज़ोर हो सकती है।