नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची के बयान पर भड़क गए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि उनका देश अपना यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम नहीं छोड़ेगा। अरागची के इस बयान पर ट्रंप ने ईरान को धमकी भी दे डाली है। उन्होंने कहा कि यदि ईरान यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा तो जरुरत पड़ने पर ईरान फिर से बम बरसाएगा।
अपने सोशल मीडिया साइट ट्रूथ पर ट्रंप ने लिखा है कि अमेरिका के हमलों में ईरान के मुख्य परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है और यदि जरुरत पड़ी तो अमेरिका फिर से ईरान पर हवाई हमले करेगा। उनकी इस टिप्पणी से पहले ईरानी विदेशी मंत्री अरागची ने अपने यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया है।
फॉक्स न्यूज के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि ईरान अपना यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम बंद कर दे लेकिन ईरान अपने इस प्रोग्राम को चालू ही रखेगा। अमेरिका शुरु से ही ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर सवाल उठता दिखा है। उसने ईरान के यूरेनियम संवर्धन को रोकने की भी कोशिश की है।
अमेरिका को शक है कि ईरान परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम संवर्धन कर लेगा जो मध्य-पूर्व में उसके लिए बड़ी चुनौती होने वाला है। अमेरिका चाहता है कि ईरान में यूरेनियम संवर्धन पर पूरी तरह रोक लग जाए लेकिन अरागची ने साफ कर दिया है कि ईरान अमेरिका की इस डिमांड पर कभी भी राजी नहीं होगा।
पिछले महीने अमेरिका समर्थित इजरायली हमलों में ईरान के कुछ परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा था। ईरान के परमाणु प्रोग्राम को बर्बाद करने के लिए किए गए हमलों के बाद भी ईरान अपने रुख पर अड़ा हुआ है। अरागची ने कहा है कि हमारे ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
नुकसान का आकलन अब हमारा परमाणु एनर्जी संगठन कर रहा है लेकिन जहां तक मुझे पता है ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के कारण हुई बर्बादी के कारण से यूरेनियम संवर्धन की गतिविधि को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हमले के बाद कोई संवर्धित यूरेनियम बचा है या नहीं।
ईरान का यह भी कहना है कि उसका परमाणु प्रोग्राम नागरिक उद्देश्यों के लिए है। अमेरिका और नेटो देशों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर है। इजरायल और अमेरिका के हमलों से पहले परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाले अंतराष्ट्रीय एजेंसी IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने आरोप भी लगाया था कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री लेने में बस कुछ हफ्ते की दूरी पर है।
ईरान शुरु से यह कहता रहता है कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता। उसका कहना है कि परमाणु एनर्जी का काम सिर्फ नागरिक एनर्जी के इस्तेमाल के लिए है। अमेरिका का सुझाव है कि ईरान खुद यूरेनियम संवर्धन करने की जगह संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे अन्य देशों के साथ व्यवस्था के जरिए ही इसको हासिल कर पाएगा।
ऐसे ही ईरान खुद संवर्धन किए बिना ही ऊर्जा उद्देश्यों के लिए परमाणु एनर्जी का इस्तेमाल कर सकता है। वहीं दूसरी ओर ईरान ने इस सुझाव को पूरी तरह से ही खारिज कर दिया है कि पिछले महीने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी ईरान की परमाणु प्रोजेक्ट को एक बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि बताया था।