नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस वापस ले लिया है। इंटरपोल की नजर में अब मेहुल चोकसी भगोड़ा नहीं रहा है। अब वह भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में कहीं भी आराम से आ जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इस आदेश के जारी होने के बाद मेहुल चोकसी किसी भी देश में स्वतंत्र रूप से उड़ान भरने में सक्षम हो गया है। इसके बाद भारत के लिए उस देश से आगे की प्रत्यर्पण कार्रवाई का पता लगाना और उसको शुरू करना मुश्किल हो जाएगा। एजेंसी के ल्योन-मुख्यालय की ओर से जारी किया गया रेड कॉर्नर नोटिस भारत को भगोड़े का पता लगाने और प्रत्यर्पण कार्रवाई शुरू करने में सक्षम बनाता है। लेकिन अब इसको हटा दिया गया है। इसके बाद भारत के लिए उसका प्रत्यर्पण व पता लगाना बड़ा मुश्किल हो जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो औपचारिक रूप से इंटरपोल के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां, विदेश मंत्रालय के माध्यम से कथित अपहरण मामले में एंटीगा अदालत के आदेश को भी चुनौती देंगी, जिसने रेड नोटिस को वापस लेने का आधार बनाया था। रेड नोटिस को वापस लेने से ज्यादा, इंटरपोल का आदेश सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी है, क्योंकि इसने कथित तौर पर इस विवाद को स्वीकार किया कि 2022 में मेहुल चोकसी को अगवा करने की साजिश भारत सरकार के इशारे पर की गई थी।
हालांकि, रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द करने से उस मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जो पहले से ही एडवांस स्टेज में है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि एक संधि है – जैसे ही चोकसी को गिरफ्तार किया जाएगा, उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। मेहुल चोकसी के एक प्रवक्ता के मुताबिक एंटीगा पुलिस की रिपोर्ट, और एंटीगा के हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही में चोकसी द्वारा भारत सरकार के राज्य प्रायोजित अपहरण, यातना और प्रस्तुतीकरण के मामले में सबूत पेश उसकी तरफ इशारा कर रहे हैं। रेड नोटिस वापसी इन शंकाओं को और मजबूत करता है।
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