पुलिस ने किरण से पूछताछ करने के बाद स्कूटी के असल मालिक कमलजीत से भी फोन पर बात की जिसने बताया कि वह रात को किरण के घर आया था और अपनी स्कूटी वहीं छोड़ गया था स्कूटी बिल्कुल न्यू थी और बिना नंबर के थी और इसमें तुरंत एफआईआर दर्ज करने और चोरों को पकड़ने की शिकायत दी गई। पुलिस ने महिला और उसके रिश्तेदार की बात को सच मानते हुए मामला दर्ज कर लिया तथा दोनों को स्कूटी से संबंधित कागजात देने के लिए और पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए कहा परंतु काफी दिन तक दोनों ने स्कूटी से संबंधित कोई भी कागजात पुलिस को नहीं दिए, जिस पर पुलिस को धीरे-धीरे दोनों पर शक होने लगा।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी और जांच में पाया कि उपमंडल हरोली के गांव दुलैहड में एक व्यक्ति के पास किरण ने चार स्कूटीयां खड़ी की हुई हैं। उक्त व्यक्ति से पूछताछ में पता चला कि किरण ने उसके पास कुछ महीने पहले कुछ स्कूटीयां खड़ी की हुई थी। उक्त स्कूटीयों के चैसी नंबर और इंजन नंबर चेक करने पर एक स्कूटी वही पाई गई जिसकी चोरी की रिपोर्ट किरण ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने स्कूटी को संबंधित व्यक्ति से अपने कब्जे में ले लिया और धीरे-धीरे सारी कड़ियां जब जुड़ी तो पता चला की किरण और उसके रिश्तेदार कमलजीत ने मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया था।
किरण पिछले एक-दो वर्षों से एक अनाधिकृत एजेंट के तौर पर काम कर रही थी जो आसपास के कई लोगों को विश्वास में लेकर टाहलीवाल की एक एजेंसी से स्कूटीयां डाउन पेमेंट पे खरीद करवाती थी और खरीद करने के बाद अगर उक्त व्यक्ति को पैसे की थोड़ी कमी रहती थी तो उक्त स्कूटीयों को अन्य लोगों के पास गिरवी रखवा देती थी और उनसे पैसे लेकर खुद ब उक्त व्यक्ति को पैसे उधार दे दिए जाते थे। इस तरह करीब 14 से 15 स्कूटीयां किरण के द्वारा खरीद करवाना पाई जा रही हैं।पुलिस ने कमलजीत और किरण को पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
दोनों ने अपनी गलती भी मान ली है अभी पुलिस दोनों का अदालत में पेश करने के लिए तैयारी में जुटी है पूछताछ में यह भी पता चला की किरण तथा कमलजीत चोरी हुई स्कूटी की इंश्योरेंस लेने के लिए संबंधित कंपनी से प्रयास कर रहे थे। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि उक्त दोनों के साथ कई और लोग भी इस वारदात को अंजाम देने में शामिल हो सकते हैं किरण ने केवल कक्षा पांचवी तक शिक्षा ली है और बेहद शातिराना तरीके से पुलिस को चकमा दे रही थी।
हरोली क्षेत्र में अपनी तरह का यह पहला मामला है जिसमें किसी महिला ने झूठी रिपोर्ट दर्ज करके इंश्योरेंस के पैसे को हड़पने के लिए इस तरह की योजना को तैयार करके पुलिस को झूठी सूचना दी। जांच में ये भी सामने आ रहा कि जो भी स्कूटी किरण खरीद करवाती थी, डाउन पेमेंट के बाद नंबर लेने के लिए वो स्कूटी वापिस एजेंसी नहीं पहुंचती थी, इंश्योरेंस ओर बैंक फाइनेंस के लोग भी किसी भी स्कूटी को ढूंढ नहीं पाते थे। थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील सांख्यान ने आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।