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आर्थिक बाधाओं के पार शिक्षा की नई राह दिखा रही इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना

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ऊना/ सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश सरकार की इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा की एक नई राह खोल रही है। यह योजना उन बच्चों के लिए आशा की किरण बनकर आई है, जो पारिवारिक या सामाजिक परिस्थितियों के चलते शिक्षा से वंचित रह जाते थे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील नेतृत्व शैली और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण का प्रतिफल यह योजना राज्य में सामाजिक न्याय और शिक्षा सुलभता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

यह योजना विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जिनकी माताएं विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित हैं या जिनके अभिभावक 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता से ग्रसित हैं। इसका उद्देश्य इन बच्चों को आर्थिक सहारा प्रदान कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है।

ये हैं योजना की विशेषताएं
योजना में 18 वर्ष तक की आयु के पात्र बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। वहीं, उच्च शिक्षा में सहायता के तहत सरकारी संस्थानों में डिग्री, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने वाले 18 से 27 वर्ष की आयु के छात्रों के लिए, इस योजना के तहत मुफ्त शिक्षा और छात्रावास की सुविधा उपलब्ध न होने की स्थिति में पीजी आवास के लिए 3,000 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है। योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम होनी चाहिए और लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।

ऊना जिले में 1106 विद्यार्थियों को 65 लाख की सहायता
जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) नरेंद्र कुमार बताते हैं कि ऊना जिले में इस योजना के तहत अब तक 1106 पात्र विद्यार्थियों को 65.09 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। जिले के विभिन्न विकास खंडों में अंब में 228, धुंदला में 154, ऊना में 320, गगरेट में 179 और हरोली में 225 बच्चे योजना में कवर किए गए हैं।
उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच के अनुरूप इस योजना को ऊना जिले में जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है और जरूरतमंद परिवारों तक इसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है।

लाभार्थी परिवारों ने जताया आभार,बोले…शुक्रिया मुख्यमंत्री जी
इस योजना के सकारात्मक प्रभाव की झलक लाभार्थियों की बातों से साफ़ दिखाई देती है। ऊना के वार्ड नंबर 6 की पूजा पुरी, जिनके पति का देहांत हो चुका है, बताती हैं कि दो बच्चियों की पढ़ाई का खर्च उठाना उनके लिए लगभग असंभव हो गया था। लेकिन इस योजना के तहत 6 महीने में 12,000 रुपये की सहायता मिलने से बहुत बड़ा सहारा मिला है। अब बेटियां बेफिक्री से स्कूल जा पा रही हैं। मैं मुख्यमंत्री  की बेहद आभारी हूं। इसी तरह, ऊना की रेणु देवी और कोटला कलां की सरोज बाला समेत अनेक महिलाओं ने योजना को एक संजीवनी बताते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को धन्यवाद दिया है।

ऊना के वार्ड 6, निवासी तन्मय बताते हैं कि उनके पापा के निधन के बाद तीन भाई-बहनों का सारा बोझ मम्मी के कंधों पर आ गया था। उन पर दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ कर कहीं काम धंधे में लगने का दबाव बन रहा था, लेकिन यह योजना उनकेे लिए वरदान बनकर आई। अब वे ग्यारहवीं में दाखिला ले चुके हैं और अपने पढ़ने लिखने के सपने को साकार करने में जुटे हैं। वे इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताते नहीं थकते।
यकीनन इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना आर्थिक मदद देने के साथ एक बेहतर भविष्य के सपनों को साकार करने का विश्वास भी जगा रही है।

 

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