नई दिल्लीः भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। जिसके चलते 4 दिन से पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट से हमले किए जा रहे हैं। जम्मू के राजौरी में शुक्रवार की रात पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में हिमाचल प्रदेश का जवान शहीद हो गया। जानकारी के अनुसार, हिमाचल के कांगड़ा के शाहपुर निवासी सूबेदार मेजर पवन कुमार जम्मू- कश्मीर के राजौरी में तैनात थे। शुक्रवार की रात पाक ने अचानक फायर करना शुरू किया तो पवन कुमार अपने कुछ साथियों के साथ जवाबी फायरिंग करने लगे। इसी जवाबी कार्रवाई में पवन कुमार घायल हो गए। इसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
दूसरी ओर 7 मई को पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के विवरण सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक मुदसर खादियाँ खास उर्फ मुदसर उर्फ अबू जुंदाल, लश्कर-ए-तैबा से संबंधित था। उसकी अंतिम अरदास एक सरकारी स्कूल में की गई, जिसकी अगुवाई जमात-उद-दावा के हाफिज़ अब्दुल रऊफ (एक नामजद ग्लोबल आतंकवादी) ने की। इसके साथ ही हाफिज़ मुहम्मद जमील, जैश-ए-मुहम्मद से संबंधित था। वह मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा जीजा था। मुहम्मद यूसुफ़ अजहर उर्फ़ उस्ताद जी, मुहम्मद सलीम, घोसी साहब, जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े थे। वह मौलाना मसूद अजहर का जीजा था।
वह आईसी-814 हाईजैकिंग मामले में वांछित था। खालिद उर्फ अबू अकासा, लश्कर-ए-तैबा से संबंधित था। वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में लिप्त था। उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ और इसमें पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने हिस्सा लिया। मुहम्मद हसन ख़ान, जो जैश-ए-मुहम्मद से जुड़ा था, वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश के संचालन कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का पुत्र था। उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में प्रमुख भूमिका निभाई।