जालंधर, ENS: अकाली दल में चल रही उथल-पुथल को लेकर गुरप्रताप वडाला ने प्रेस वार्ता के दौरान कई अहम खुलासे किए है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2022 चुनाव में अकाली दल को मिली हार को लेकर लोगों से झुना कमेटी के जरिए सुझाव मांगे। जिसके बाद उन्होंने इस झुना कमेटी में खुलकर चुनावों में मिली हार को लेकर बाते रखी। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल द्वारा यह सब कमेटी बनाई थी। उन्होंने कहा कि प्रेस के साथ कई वर्कर उनसे झुना कमेटी के बारे में पूछते है। उन्होंने कहा कि इस कमेटी को लेकर सभी नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। यह कमेटी रिपोर्ट तैयार करके तीन नेताओं को सौपेंगी। जिसमें सुखबीर बादल, बलविंदर सिंह, प्रेम चंदूमाजरा को देंगी।
जिसके बाद इसकी रिपोर्ट झुना कमेटी भी अपने पास रखेंगी। गुरप्रताप वडाला ने कहा कि उन्होंने यह रिपोर्ट इसलिए अपने पास नहीं रखी कि रिपोर्ट अलग लीक होकर बाहर निकलती है तो पार्टी की बदनामी हो सकती है। वडाला ने कहा कि इसलिए तीन नेताओं को ही यह रिपोर्ट सौंपी गई। उन्होंने कहाकि एक हजार कार्यकर्ताओं के पास जाकर उनके सुझाव और उनकी रॉय ली गई। जिसमें मुख्य सुझाव यह सामने आए कि अकाली दल की लीडरशीप में तब्दीली होनी चाहिए। वडाला ने कहा कि इसमें किसी का नाम नहीं लिखा गया था। वडाला ने कहाकि लीडरशीप ऊपर से स्टार्ट होती है। वडाला ने कहा कि 99 प्रतिशत कार्यकताओं की लीडरशीप में तब्दीली की मांग थी। उन्होंने कहा कि इस सब कमेटी बनाने के लिए सभी मैंबर ने हस्ताक्षर किए थे।
जिसमें किसी भी तरह से तोड़ा मरोड़ा नहीं गया था। उन्होंने कहा कि इस सब कमेटी में दूसरा सुझाव था कि जिला प्रधान चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं एसजीपीसी के काम काज को लेकर रोष था कि एसजीपीसी लोगों के काम पूरे नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, जिसमें किसी भी प्रकार की राजनीति की दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। वहीं वडाला ने कहा कि पार्टी को रेत-केबल सहित अन्य बदनामी वाले कामों से दूर रहना चाहिए। SOI को भंग करके AISSF को दोबारा आगे किया जाए। पार्टी दफ्तर को दोबारा से अमृतसर साहिब में पुरातन समय की तरह स्थापित किया जाना चाहिए। प्रधान की टीम 2 बार से ज्यादा लगातार नहीं बनेंगी। वहीं एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट दी जानी चाहिए। चुनाव लड़ने की उम्र 75 साल तक होनी चाहिए।