नई दिल्लीः हाल ही में हुए पहलगाम एटैक के बाद पाकिस्तान और भारत में युद्ध की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में भारत अपनी सेना को और मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है जिसके चलते इसी महीने भारत को रूस से जंगी जहाज तमल मिलने वाला है।
रूस 28 मई को इसे भारतीय नौसेना को सौंपेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून में इसे आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह जंगी जहाज ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा, जो रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा। रूस में नौसेना के क्रू को ‘तमल’ का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस शिप की डिलीवरी अगले साल जून में होनी थी, लेकिन अब इसकी डिलीवरी इसी महीने के अंत में 28 मई तक की जाएगी।
‘तमाल’ को रूस के यांतर शिपयार्ड में बनाया जा रहा है। इसे दुनिया की सबसे घातक वॉरशिप में गिना जाता है। इस वॉरशिप से दुनिया की सबसे खतरनाक एंटी शिप मिसाइल ब्रह्मोस को दागा जाएगा। इससे पहले INS तुशील भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। रूस और भारत के बीच 2016 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत रूस को 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। 9 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल किया था। अब इसी कड़ी में दूसरी वॉरशिप INS तमाल भी भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बनने जा रही है।
वॉरशिप की खूबियां
- INS तमाल को तलवार भी कहा जाता है। समंदर में 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ‘तमल’ एक बार में 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है।
- इससे एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल भी फायर की जा सकती है।

- ‘तमल’ को खासतौर पर एंटी सबमरीन वॉरफेयर के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इस वॉरशिप में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो भी मौजूद हैं।
- इस वॉरशिप पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है।