कोरोना के खिलाफ भारत को मिली एक और बड़ी कामयाबी....

कोरोना के खिलाफ भारत को मिली एक और बड़ी कामयाबी....

कोरोना के खिलाफ भारत को मिली एक और बड़ी कामयाबी....

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है. देश में स्वदेशी टीका विकसित करने वाली दवा कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए नेजल वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है. भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का इस्तेमाल नाक के जरिए किया जाएगा और यह संभवत: छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं के टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. दावा यह भी किया जा रहा है कि इस नेजल वैक्सीन को देश में जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है. इसके लिए अब भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की ओर से मंजूरी मिलने का इंतजार है. डीसीजीआई की ओर से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद इसे बाजार में लॉन्च किया जाएगा.

भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) डॉ कृष्णा एला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना की नेजल वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक जुलाई में इस नेजल वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक के पास ट्रायल से संबंधित आंकड़ों को प्रस्तुत करेगी. डॉ एला ने आगे कहा कि हमने अभी एक क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया है और उस पर डेटा विश्लेषण चल रहा है. अगले महीने हम औषधि नियामक एजेंसी के पास आंकड़ों को पेश करेंगे. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हमें लॉन्च करने की अनुमति मिल जाएगी और नाक के जरिए इस्तेमाल की जाने वाली यह दुनिया की पहली वैक्सीन होगी.

बता दें कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने इस साल के जनवरी महीने में भारत बायोटेक को कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली नेजल वैक्सीन के निर्माण से संबंधित तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करने की मंजूरी प्रदान की थी. भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ कृष्णा ऐला ने कहा कि इस नेजल वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम आशा के अनुरूप हैं और यह नेजल वैक्सीन कोरोना महामारी के खिलाफ बहुत बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकती है.

भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ कृष्णा ऐला ने दावा किया है कि हमारा नाक जरिए इस्तेमाल की जाने वाली कोरोना वैक्सीन गेम चेंजर है, क्योंकि यह न केवल खतरनाक वायरस के संक्रमण से लोगों की रक्षा करेगा, बल्कि इससे वायरस का फैलना भी रुकेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन समझौता किया है. उन्होंने दावा किया कि यह नेजल वैक्सीन आदमी के शरीर में बड़े पैमाने पर इम्यून सिस्टम को तैयार करता है और आईजीजी, म्यूकोसल आईजीए और टी सेल को बनने से रोकती है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर कोरोना वायरस नाक के जरिए संक्रमण को फैलाता है. यह नेजल वैक्सीन नाक के म्यूकोसा में ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करके वायरस के संक्रमण और उसके प्रसार को रोकने में सक्षम है.