नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को करारा जवाब दिया है। शहबाज शरीफ ने कश्मीर और सिंधु जल संधि पर बयान दिए थे जिनकी भारत ने कड़ी आलोचना की है। शुक्रवार को भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। भारत की प्रतिनिधि पटेल गहलोत ने अपने जवाब में कहा कि – महामहिम अध्यक्ष आज सुबह इस सभा में पाकिस्तान के पीएम ने जो नाटकीयता दिखाई है वह उनके विदेशी में आतंकवाद की महत्वता को दिखाती है परंतु किसी भी तरह के नाटक या झूठ से सच्चाई छुपाई नहीं जा सकती।
आतंकवादी संगठनों को दिया बढ़ावा
पटेल गहलोत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में हुए पर्यटन स्थलों पर हमले में एक पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवादी संगठन का बचाव किया था। यही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल 2025 को सुरक्षा परिषद में इस आतंकवादी संगठन को उसके कृत्य से बचाया।
आतंकवादी शिविर चला रहा पाकिस्तान
भारत की प्रतिनिधि ने इस दौरान चरमपंथियों को संरक्षण देने के रिकॉर्ड का भी इस दौरान हवाला दिया। उन्होंने कहा कि – एक ऐसा देश जो लंबे समय से आतंकवाद को प्रायोजित और निर्यात करता रहा है अब कोई भी बयान देने में हिचकिचा नहीं रहा। पहले पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाया आतंकवादी के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के दिखावा किया। पाकिस्तान के मंत्री ने हाल ही में यह स्वीकार भी किया है कि वे दशकों से आतंकवादी शिविर चला रहे हैं। यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि दोहरा खेल अब प्रधानमंत्री स्तर तक खेला जा रहा है।
कश्मीर मुद्दे पर उठाए सवाल
अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने इस दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि – मैं कश्मीरीयों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं उनके साथ में खड़ा हूं पाकिस्तान उनके साथ खड़ा है और एक दिन जल्द ही भारत का अत्याचार कश्मीर में खत्म होगा। पाकिस्तान कश्मीरियों के स्व-निर्णय के मौलिक अधिकार के पक्ष में है और यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र के नियंत्रण में निष्पक्ष जनमत संग्रह के जरिए होनी चाहिए।
पीएम शहबाज शरीफ ने यह भी दावा किया है कि पाकिस्तान आतंकवाद की सभी प्रकारों और रुपों की निंदा करता है। इसके अलावा विदेशी समर्थित समूह जैसे कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी को अपने देश के खिलाफ लक्षित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति या धर्म के खिलाफ नफरत, भेदभाव या हिंसा के लिए कोई भी जगह नहीं होनी चाहिए। पाकिस्तान के इन बयानों को भारत ने सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उन्हें छुपाने के प्रयास के तौर पर खारिज कर दिया है।
सिंधु जल संधि का उल्लंघन युद्ध के समान
इसके अलावा पाकिस्तान के पीएम ने अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि – हमारे लिए इस संधि का कोई भी उल्लंघन युद्ध की समान है। भारत ने 1960 में हस्तक्षरित इस वर्ल्ड बैंक बीच में की गई संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर दी थी। यह संधि पहलगाम हमले में मारे गए 26 नागरिकों के बाद की थी। केंद्र सरकार ने यह कदम पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये के साथ जोड़ा था और कहा कि संधि तभी दोबारा शुरु की जाएगी जब पाकिस्तान सीमापार हिंसा खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएगा।