हेल्थः क्या आप जल्दी बीमार पड़ने लगे हैं। वास्तव में ऐसा तब होता है जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) यानी आपके शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो। जैसे आप 20 की उम्र में दौड़ सकते थे वैसे 30 में नहीं दौड़ पा रहे हैं, या जितनी ताकत आप खुद के अंदर 20 की उम्र में महसूस करते थे, उतनी ऊर्जा आप 30 पार करने के बाद महसूस नहीं कर पा रहे हैं। उसी तरह शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती उम्र में कम होती चली जाती है।
उम्र बढ़ने पर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी पहले की तरह काम नहीं करती है। लेकिन कई बार खानपान में पोषण की कमी, तनाव और खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई लोगों की उम्र से पहले ही इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। अगर आप अपनी इम्युनिटी को तेज करना चाहते हैं तो कुछ फूड्स है जो आपकी इम्युनिटी को मजबूत कर सकते है।
ऐसा कोई एक फूड नहीं है जिसे खाकर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तुरंत मजबूत हो जाए। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि विटामिन्स और खनिजों से युक्त खाद्य पदार्थों (जैसे ताजी सब्जियां और फल) से भरी अलग-अलग फूड्स वाली डाइट आपके शरीर को, जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी शामिल है – को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है। खासकर विटामिन सी आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए काफी जरूरी होता है इसलिए अपनी डाइट में खट्टे फल जैसे संतरा, कीवी, मौसमी और अमरूद को जरूर शामिल करें।
अच्छी नींद बेहद जरूरी
कई शोधों से पता चलता है कि बहुत कम नींद लेने या अच्छी-सुकून भरी नींद ना लेने से भी प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है और कमजोर करने लगती है। इसलिए आपको रात में कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें लेकिन इसे अनदेखा ना करें।
समय के साथ तनाव आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम कर सकता है। जब आप लगातार किसी चीज के बारे में चिंतित रहते हैं तो यह आपके शरीर पर भारी पड़ता है। यह खराब नींद और खराब आहार जैसी अन्य समस्याओं को भी ट्रिगर कर सकता है जो दोनों आपकी प्रतिरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।
एक्सरसाइज जरूरी
रोजाना थोड़ी देर का व्यायाम भी आपको फिट रखने में मदद करता है जिससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, नियमित व्यायाम immune cells को बढ़ाकर आपके इम्युन सिस्टम को बढ़ावा देता है जिससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और दीर्घकालिक बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।