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आईआईआईटी ऊना और एनआईआईटी कुरुक्षेत्र ने मेटी परियोजना के तहत राष्ट्रीय ड्रोन टेक्नोलॉजी बूटकैंप की शुरुआत की

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ऊना/सुशील पंडित: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ऊना (आईआईआईटी ऊना) ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र (एनआईआईटी कुरुक्षेत्र) के सहयोग से “ड्रोन टेक्नोलॉजी: फ्रॉम फंडामेंटल्स टू फ्यूचर एप्लिकेशन्स” शीर्षक वाले पाँच दिवसीय ड्रोन टेक्नोलॉजी बूटकैंप का शुभारंभ 14 नवंबर 2025 को किया। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेटी – MeitY) की पहल “अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (ड्रोन एवं संबंधित तकनीकों) में मानव संसाधन विकास हेतु क्षमता निर्माण” के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, इस पहल का उद्देश्य ड्रोन एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत की कुशल कार्यबल क्षमता और संस्थागत तैयारी को सशक्त बनाना है। एनआईआईटी कुरुक्षेत्र में इस परियोजना का नेतृत्व मुख्य अन्वेषक प्रो. लिली देव अवस्थी कर रही हैं, जिनके साथ सह–अन्वेषक डॉ. ऋतु गर्ग और प्रो. महेश पाल योगदान दे रहे हैं। एनआईआईटी कुरुक्षेत्र के डॉ. संजय कुमार (आयोजन सदस्य) ने भी उद्घाटन समारोह में भाग लिया। वहीं आईआईआईटी ऊना की ओर से इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अंकुर कुमार द्वारा किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शैक्षणिक गहराई बढ़ाने के लिए बूटकैंप में विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान भी शामिल हैं, जिनमें जीजेयूटी हिसार के प्रो. मुनीश गुप्ता का सत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह बूटकैंप प्रतिभागियों को मूलभूत सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। पाँच दिनों की अवधि में छात्र निम्नलिखित विषयों पर कार्य करेंगे:

• ड्रोन असेंबली और फ्लाइट डायनेमिक्स

• यूएवी अनुप्रयोग

• इलेक्ट्रॉनिक घटक एवं सेंसर

• संचार प्रौद्योगिकियाँ

• एआई/एमएल एकीकरण

• आईओटी सक्षम ड्रोन प्लेटफ़ॉर्म

• फील्ड डेमोंस्ट्रेशन और लाइव अभ्यास

इस संरचना के माध्यम से कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को भविष्य-उन्मुख तकनीकी कौशल और वास्तविक ड्रोन अनुप्रयोगों का अनुभव प्रदान करना है।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए आईआईआईटी ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौड़ ने कहा:

“यह बूटकैंप छात्रों को व्यावहारिक और भविष्य उन्मुख तकनीकी कौशल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” इसी दृष्टिकोण को साझा करते हुए एनआईआईटी कुरुक्षेत्र के सह-अन्वेषक प्रो. महेश पाल ने कहा: “इस पहल के माध्यम से हम छात्रों को भारत के तेजी से विकसित होते ड्रोन इकोसिस्टम में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार करना चाहते हैं।”

पूरे कार्यक्रम के दौरान आईआईआईटी ऊना और एनआईआईटी कुरुक्षेत्र दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ संकाय सदस्य प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे, जिससे सिद्धांत और अभ्यास का संतुलित एवं व्यापक सीखने का अनुभव सुनिश्चित होगा। समग्र रूप से, यह बूटकैंप अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने एवं तकनीकी शिक्षा को उन्नत करने के प्रति दोनों संस्थानों की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो भारत की ड्रोन-प्रेरित तकनीकी प्रगति की दिशा के अनुरूप है।

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