हेल्थः भागदौड़ जिंदगी में देर से उठना कई लोगों के लिए एक सामान्य आदत बन गई है। काम के लंबे घंटे, मोबाइल और टीवी स्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल और रातों की अनियमित दिनचर्या ने हमारी नींद को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई लोग मानते हैं कि ज्यादा सोने से शरीर ज्यादा तरोताजा महसूस करता है, लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित किया है। देर से उठने की आदत शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी को बाधित कर सकती है, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर की आंतरिक घड़ी, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है, हमारे स्वास्थ्य को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह चक्र नींद, पाचन, हॉर्मोन उत्पादन और मानसिक सतर्कता जैसी प्रक्रियाओं को संतुलित रखता है। लेकिन जब हम देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं, तो यह चक्र बिगड़ जाता है। इसका सीधा असर हमारी त्वचा, हृदय, मस्तिष्क और संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। कई अध्ययनों में पाया गया कि अनियमित नींद से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ सकता है, जिससे त्वचा जल्दी बूढ़ी दिखने लगती है और शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है।
अगर आप देर से उठते हैं, तो आपकी त्वचा और शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शोध बताते हैं कि सही समय पर सोना और उठना कोलेजन उत्पादन को बनाए रखने में मदद करता है, जो त्वचा की लोच (इल्यास्टिसिटी) को बनाए रखता है। यदि यह बाधित हो जाए, तो झुर्रियां और महीन रेखाएं जल्दी दिखाई देने लगती हैं।
देर से उठने से शरीर के हॉर्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं, खासकर मेलाटोनिन और कोर्टिसोल। मेलाटोनिन नींद को नियंत्रित करता है, जबकि कोर्टिसोल तनाव से जुड़ा होता है। यदि कोर्टिसोल का स्तर ज्यादा हो जाए, तो शरीर में चर्बी जमा होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे मोटापा और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। रात में देर से सोने और सुबह देर से उठने से ब्लड प्रेशर और हृदय की सेहत पर सीधा असर पड़ सकता है। अध्ययनों में यह पाया है कि जो लोग पर्याप्त और सही समय पर नींद नहीं लेते, उनमें हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।
डिस्क्लेमर: यह केवल सामान्य जानकारी के लिए है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।