Health: यह एक चेतावनी हो सकती है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आंखों के पीछे दर्द कभी-कभी मामूली कारणों से होता है, जैसे थकान या नींद की कमी, लेकिन यदि यह बार-बार हो रहा है या अन्य लक्षणों के साथ आ रहा है, तो यह कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है।
माइग्रेन: सबसे सामान्य लेकिन गंभीर कारणों में माइग्रेन शामिल है। माइग्रेन में सिर के एक तरफ़ और आंखों के पीछे तेज़, धड़कता हुआ दर्द महसूस होता है। इसके साथ मतली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण होते हैं। यह दर्द कई घंटों से लेकर दो-तीन दिनों तक भी रह सकता है और रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
क्लस्टर हेडेक: एक और खतरनाक स्थिति क्लस्टर हेडेक होती है। यह बहुत दुर्लभ लेकिन अत्यंत दर्दनाक स्थिति होती है जिसमें एक आंख के पीछे बहुत तेज़ और चुभन जैसा दर्द होता है। यह दर्द अक्सर रात में नींद से जगाता है और कई दिनों या हफ्तों तक रोज़ एक ही समय पर होता है। आंखों से पानी आना, नाक बहना और आंख लाल होना इसके सामान्य लक्षण हैं।
साइनस इंफेक्शन: साइनस इंफेक्शन भी आंखों के पीछे दर्द का एक कारण हो सकता है। जब साइनस में सूजन या संक्रमण होता है तो आंखों के पीछे और माथे में भारीपन महसूस होता है। इस स्थिति में नाक बंद, हल्का बुखार, और चेहरा दबाने पर दर्द होना आम बात है।
आई स्ट्रेन: अगर आप दिनभर कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने रहते हैं, तो आई स्ट्रेन यानी आंखों की थकावट भी इस दर्द का कारण हो सकती है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे आंखों के पीछे हल्का या मध्यम दर्जे का दर्द हो सकता है।
ग्लूकोमा: कुछ मामलों में यह दर्द ग्लूकोमा जैसी गंभीर आंखों की बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसमें आंखों के अंदर का प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे आंखों के पीछे तेज़ दर्द, धुंधली दृष्टि, और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। अगर समय रहते इलाज न हो तो यह स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।
यदि आंखों के पीछे दर्द लगातार बना रहता है, तेज़ होता है, या इसके साथ अन्य लक्षण भी जुड़ते हैं जैसे धुंधलापन, चक्कर, या उल्टी—तो यह एक चेतावनी है कि आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। समय पर इलाज से इन खतरनाक बीमारियों से बचाव संभव है।