ऊना/सुशील पंडित: अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय महाविद्यालय, बंगाणा के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 1945 में जापान के नागासाकी पर हुए परमाणु हमले की 80 वीं वर्षगांठ पर एक विचारगोष्ठी (सेमिनार) का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी ने की। संगोष्ठी का मुख्य विषय था हिरोशिमा और नागासाकी 1945: परमाणु विस्फोट का अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव और भविष्य में शांति के लिए सार्थक प्रयास”, जिसके अंतर्गत छात्रों और शिक्षकों ने गहन विमर्श किया। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में राजनीति विज्ञान विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्राएं सुश्री वैदेही शर्मा और सुश्री तनु ठाकुर ने विषयवस्तु पर अपने तथ्यपूर्ण और संवेदनशील विचार प्रस्तुत किए।

उन्होंने अपने वक्तव्यों में युद्ध की विभीषिका, परमाणु शस्त्रों की भयावहता, और वर्तमान वैश्विक राजनीति में शांति स्थापना की आवश्यकता को रेखांकित किया। विभागाध्यक्ष प्रो. सिकंदर नेगी ने अपने संबोधन में कहा कि, “हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले मानवता के इतिहास में एक अमिट कलंक हैं। इन घटनाओं से सीख लेकर आज के समय में सभी देशों को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे कभी भी परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेंगे।यदि भविष्य में किसी भी राष्ट्र ने किया परमाणु हमला, तो न बचेगा कोई सरहद, न मानवता — होगा सम्पूर्ण मानव जाति का विनाश। इसलिए वर्तमान में शांति, सह-अस्तित्व और संवाद ही भविष्य का मार्ग हैं। इस अवसर पर डॉ. विनोद कुमार, प्रोफेसर कृष्ण चंद, प्रोफेसर राजेंद्र, तथा राजनीति विज्ञान सोसायटी के पदाधिकारी अध्यक्ष अंकिता मनकोटिया, उपाध्यक्ष तनु ठाकुर, एवं महासचिव वैदेही शर्मा सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।कार्यक्रम का समापन शांति और मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना के आह्वान के साथ किया गया।