हिंदी पखवाड़े में कविता, भाषण और निबंध प्रतियोगिता से गूंजा कैंपस
छात्रों से रुबरु हुए सामाजिक कार्यकर्ता डा रणेश राणा
बद्दी\सचिन बैंसल:एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, भटौली कलां में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमालय जनकल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रणेश राणा रहे। उन्होंने छात्रों एवं स्टाफ को हिंदी भाषा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता से अवगत कराया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके उपरांत केंद्र के अधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर छात्रों ने हिंदी निबंध लेखन और स्वरचित कविता प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। मधु, जितेंद्र, अवंतिका, अनीश मोहम्मद, पलक नायर, निताशा ठाकुर, वीरेंद्र सिंह, मुनीष और शुभम ने अपनी रचनात्मकता और साहित्यिक प्रतिभा से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में डीजीएम सुखमन सिंह ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी हमारी सांस्कृतिक पहचान और गर्व का प्रतीक है। यह सरल और सहज भाषा आमजन तक आसानी से पहुँचती है और समाज को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रणेश राणा ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा न केवल अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है, बल्कि यह पूरे देश को जोड़ने वाली कड़ी भी है। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था। व्यौहार राजेंद्र सिंहा समेत अनेक साहित्यकारों और विद्वानों के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि हिंदी इतनी सरल, मधुर और भावनाओं से परिपूर्ण है कि यह सीधे दिलों तक उतर जाती है और संवाद तथा आदान-प्रदान के लिए सबसे उपयोगी भाषा है।
डॉ. राणा ने कहा कि हमें अन्य भाषाओं का भी ज्ञान अर्जित करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे बौद्धिक विकास को समृद्ध करता है। अंग्रेजी को केवल एक भाषा के रूप में अपनाना चाहिए, न कि श्रेष्ठता के भाव से। मातृभाषा का सम्मान करना और उसका संरक्षण हर भारतीय की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालने का आह्वान किया और कहा कि समाचार पत्र न केवल ज्ञानवर्धन करते हैं बल्कि भाषा पर पकड़ और अभिव्यक्ति क्षमता को भी मजबूत बनाते हैं।
इसअवसर पर Milestone Gears, बद्दी के प्रेसीडेंट एम.के. श्रीवास्तव ने भी बच्चों को हिंदी पखवाड़े की शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि हिंदी जैसी समृद्ध भाषा में अभिव्यक्ति से बच्चों का व्यक्तित्व निखरता है और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
इस अवसर पर एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर के डीजीएम सुखमन सिंह, इंजीनियर शिवम श्रीवास्तव, तकनीशियन राहुल, तकनीकी सहायक नीरज, विकास, गौरव वर्मा, सौरभ धालीवाल, अभिषेक और विदिशा शर्मा सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।