सदाशिव मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का बन चुका है केंद्र, मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए होती है विशेष व्यवस्था
ऊना/सुशील पंडित: उत्तरी भारत में प्रसिद्ध ध्यूंसर महादेव मंदिर तलमेहड़ा में श्री श्री 1008 स्वामी ओंकारानंद जी महाराज की पुण्यतिथि पर मंदिर में विशाल कार्यक्रम किया गया। स्वामी जी की पूजा अर्चना करने के बाद सैकंडों की संख्या में आए मंदिर परिसर में सभी साधू संतों को मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा द्वारा गर्म कपड़े और दान दक्षिणा दी गई। सभी को भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि श्री श्री 1008 स्वामी ओंकारानंद जिरह सदाशिव मंदिर के संस्थापक रहे हैं, उनके आशीर्वाद से आज सदाशिव मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगता है। शर्मा ने कहा कि मंदिर परिसर में हर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कमेटी द्वारा विशेष व्यवस्था रहती है।
सदाशिव मंदिर अब न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है। तलमेहड़ा के गांव बही में स्थित यह प्राचीन मंदिर भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।सदाशिव मंदिर में शिवरात्रि, सावन मास के मेले,श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बाद विशाल दंगल का आयोजन होता है। इस दिन हजारों श्रद्धालु यहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
मंदिर परिसर के साथ प्राकृतिक सुंदरता
बंगाणा के रामगढ़ धार के ऊंचे टीले पर स्थित सदाशिव मंदिर अपनी सुंदरता पर चार चांद लगाता है। मंदिर के चारों ओर ऊंचे पहाड़ ओर प्राकृतिक हरियाली और शांत वातावरण इसकी विशेषता है। तलमेहड़ा गांव की शांत पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर ध्यान और योग के लिए आदर्श स्थान माना जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क बनाई गई हैं, और कमेटी द्वारा मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके अलावा, यहां रहने के लिए धर्मशालाओं का निर्माण किया गया है, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलती है। ओर हर दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है।
सदाशिव मंदिर में सुबह शाम आरती पूजा के लिए विशेष पुजारियों की व्यवस्था,
बंगाणा के सदाशिव महादेव मंदिर उन सभी लोगों के लिए खुला है, जो भगवान शिव के दर्शन और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं। यदि आप भी आध्यात्मिक शांति और ऐतिहासिक धरोहर का आनंद लेना चाहते हैं, तो बंगाणा मुख्यालय से 18 किमी की दूरी तय करके तलमेहड़ा गांव पहुंचकर मंदिर में सीधा पहुंच सकते हैं। क्योंकि सदाशिव महादेव मंदिर, श्रद्धा और भक्ति का एक ऐसा स्थान है, जहां आने वाले हर भक्त को ईश्वरीय आशीर्वाद और आत्मिक शांति का अनुभव होता है।