जोकि पूरे देश के साथ-साथ जिला ऊना के लिए भी गर्व की बात है। इंग्लैंड के 15 दिवसीय दौरे में बधिर भारतीय टीम ने सात मैच खेले जिसमें पांच मैचों में जीत हासिल करके टी-20 श्रृंखला अपने नाम की। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सिंह दिव्यांग व्यक्तियों के लिए प्रेरणादायक हैं। वीरेंद्र ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस मुकाम पर पहुंचकर देश व अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह के भाई आशीष ठाकुर ने बताया कि जमा दो तक पढ़े वीरेंद्र सिंह का बचपन से ही क्रिकेट के प्रति बेहद लगाव है। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र सिंह ने 15 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और निरंतर इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 2005 में वीरेंद्र सिंह ने क्रिकेट में कदम रखा और भारत की और से बधिर क्रिकेट प्रतियोगिता खेलने पाकिस्तान गए थे जहां पर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया था। वीरेंद्र सिंह ऑलराउंडर के तौर पर भारतीय बधिर टीम में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सिंह ने अब तक अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर आठ देशों में क्रिकेट खेली है। आशीष ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की है कि अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी वीरेंद्र सिंह के कठिन परिश्रम तथा देश के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उन्हें सरकारी नौकरी का अवसर प्रदान किया जाए।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.