ऊना/ सुशील पंडित : केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल पास होने के बाबजूद लागू करने में विलम्ब कर रही है। देश भर में महिला वर्ग अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहा है। यह बात ऊना ब्लॉक महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा शर्मा ने कही। उन्होंने बताया कि 29 जुलाई को देश में महिला आरक्षण बिल को लागू न करने के विरोध में दिल्ली में जंतर-मंतर पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला शर्मा के प्रतिनिधत्व में पांचों ब्लॉकों से महिला नेत्रियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि आज देश में महिलाओं के हकों को दिलाने के लिए केंद्र सरकार किंतु-परंतु कर रही है। परिसीमन की आड़ में महिलाओं के हकों को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का महिला वर्ग के प्रति रवैया ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ जघन्य अपराध की खबरें रोज हमारे सामने आ रही हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा में आप सब ने देखा कि कैसे दबंगों ने दो बहनों को जमीन में जिंदा गाड़ने की कोशिश की। लेकिन भाजपा सरकारें आंखें मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि जबकि महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि
इसके साथ ही मोदी सरकार महिला आरक्षण कानून संसद में पारित बिल लागू करे और उसमें ओबीसी वर्ग की महिलाओं को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि देश में मंहगाई चर्म सीमा पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार मंहगाई, बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बात नहीं कर रही और रोजगार के नए पद सृजित करने असफल रही है। केंद्र सरकार के बजट में हिमाचल प्रदेश की उपेक्षा की गई है। हिमाचल प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली की रैली में ऊना से प्रदेश महिला महासचिव रजिंद्र कौर, ब्लॉक हरोली से अध्यक्ष सुमन ठाकुर, चिंतपूर्णी से सुरेश कुमारी, गगरेट से महिला कांग्रेस अध्यक्ष रजिंद्र कौर, बहड़ाला की पूर्व प्रधान सोनिया राणा, प्रदेश यंग ब्रिगेड की सहसचिव निशा शर्मा इत्यादि ने शिरकत की।
उन्होंने बताया कि इस दौरान हिमाचल भवन में उनकी मुलाकात प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी हुई। सभी महिला नेत्रियों से उपमुख्यमंत्री ने बातचीत की और संगठन को मजबूत करने के लिए टिप्स दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भी महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार बहुत से अहम फैसले ले रही है। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।