- Advertisement -
HomeHimachalHimachal news: हरीनगर जंगल में फिर धधकी आग

Himachal news: हरीनगर जंगल में फिर धधकी आग

आगजनी पर सख्त हुए डीएफओ ऊना सुशील राणा, कहा आगजनी आरोपी से बसूल होगी पूरे जंगल के नुक्सान की भरपाई, दो वर्ष की होगी जेल

ऊना /सुशील पंडित:  उपमंडल बंगाणा क्षेत्र में स्थित हरीनगर जंगल में आगजनी की घटना सामने आई । आग लगने की सूचना मिलते ही डीएफओ ऊना सुशील राणा बिना किसी देरी के मौके पर पहुंचे और खुरवाई रेंज ऑफिसर संदीप राणा के साथ मिलकर खुद आग बुझाने के प्रयासों में जुट गए। जंगल की घनी झाड़ियों और दुर्गम स्थानों के बावजूद अधिकारियों ने कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए स्थानीय वन विभाग कर्मचारियों और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। वन विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, लोगों को बार-बार समझाया जा रहा है कि जंगलों में आग लगाना न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी होते हैं।

इसके बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं। सरकारी जंगल की जिस जगह आग लग रही है , वह इलाका बेहद दुर्गम है ,वहां न तो आम नागरिक की पहुंच है और न ही कोई वाहन जा सकता है। ऐसे में यह साफ जाहिर है कि किसी ने जानबूझकर जंगल को आग के हवाले किया है। मौके पर आग बुझाने पहुंचे डीएफओ सुशील राणा ने सख्त लहजे में कहा यह कोई सामान्य घटना नहीं है। जो व्यक्ति इस तरह जंगलों को नुकसान पहुंचा रहा है, वह न केवल प्राकृतिक संपदा को नष्ट कर रहा है बल्कि वन्यजीवों की जान भी जोखिम में डाल रहा है। हम ऐसे लोगों को चिह्नित कर रहे हैं।

जो भी आरोपी सरकारी जंगलों में आग लगा रहे हैं। पकड़ने पर उनसे पूरे जंगल को हुए आगजनी नुकसान की भरपाई करवाई जाएगी और उसके खिलाफ जुर्माने के साथ-साथ दो वर्ष की सजा भी दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि विभाग जंगलों को बचाने के लिए जितना प्रयास कर रहा है, उतनी ही जिम्मेदारी जनता की भी बनती है कि वे अपने जंगलों की सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि हर साल गर्मियों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, और इसका सबसे ज्यादा असर वहां रहने वाले वन्यजीवों पर पड़ता है। कई छोटे जानवर तो आग में झुलसकर मर जाते हैं, और जो बचते हैं वे अपने प्राकृतिक आवास से दूर भागने को मजबूर हो जाते हैं। इससे पूरा पारिस्थितिकी तंत्र गड़बड़ा जाता है। डीएफओ राणा ने बताया कि इस बार भी आग की वजह से कई वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा है, जिसकी जांच की जा रही है।

जनता की भूमिका अहम जन सहयोग से ही बचेंगे जंगल

डीएफओ सुशील राणा ने जनता से अपील की है कि वे आगजनी जैसी घटनाओं पर नजर रखें और अगर किसी को जंगल में आग लगाते देखें तो तुरंत विभाग को सूचित करें। डीएफओ ने कहा कि जंगलों को बचाना केवल सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है।

आग लगने से केवल पेड़-पौधे ही नहीं जलते, बल्कि उस क्षेत्र का पूरा पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाता है। हरीनगर जैसे घने जंगल, जो न केवल स्थानीय पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं बल्कि वर्षा चक्र और जल संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाते हैं, उनके जलने से दीर्घकालिक प्रभाव पड़ते हैं।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page