बद्दी में आईएएस अधिकारी बैठने पर भी नहीं हुआ सुधार, सडक़ों, नालियों व गलियों में अटी है गंदगी
बद्दी/सचिन बैंसल: नवगठित नगर निगम बददी क्षेत्र में व्यवस्थाएं सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही है। नगर निगम के अधिकारी नगर परिषद भंग होने के बाद जहां यहां की समस्याओं से बेखबर है वहीं नगर परिषद के चुने हुए पार्षद भी सदन की बैठक न होने से चुपचाप बैठ गए है। जब बैठक ही नहीं होगी तो विकास कार्य कैसे होंगे। ताजा मामले में नगर निगम बददी के वार्ड 7 के तहत वर्धमान चौक पर सीवरेज लंबे समय से फूटा हुआ है और उसका तोहफा कई कई मीटर तक लोगों को निशुल्क मिल रहा है।
यह वर्धमान चौक वो हैं जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियां एबोट फार्मा, बिरला टैक्सटाई, हैवल्स और वर्धमान के कई यूनिट स्थापित हैं। यह सीवरेज बहकर जहां राहगीरों के लिए परेशानी बन रहा है वहीं स्कूली बच्चों के लिए भी सिरदर्द बनकर रह गया है। यह सीवरेज बहकर एफी फार्मा रोड तक पहुंच गया है और रात्रि शिफट वाले मजदूरों के लिए आफत है। यह उभरते हुए बददी शहर पर एक कंलक है जिसको विकसित करने का दावा प्रदेश सरकार, बीबीएनडीए व नवगठित नगर निगम कर रहा है।
अधिकारियों से शहर नहीं संभल रहा-सचदेवा
श्रीराम सेना के सह संयोजक डा संदीप कुमार सचदेवा ने कहा कि उनके वार्ड में यह समस्या लंबे समय से है। उन्होने कहा कि सरकार ने यहां पर आईएएस व एचएएस स्तर के अधिकारी बिठा रखे हैं जो कि रोज यहां से निकलते भी हैं लेकिन उनको आमजन की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। साई रोड की नालियां गंदगी से अटकी हुई है और कूडा जगह जगह बिखरा हुआ है। कांग्रेस सरकार बददी शहर को नर्क में धकेलने में लगी हुई है और एशिया की सबसे बडी औद्योगिक नगरी कबाड नगरी बनती जा रही है। सरकार को राजस्व तो सबसे ज्यादा बददी से चाहिए परंतु सुख सुविधाओं के मामले में सरकार गौण हो जाती है। उन्होने कहा कि दून के विधायक अपनी जिम्मेदारी न निभाकर मात्र नाम के विधायक बनकर रह गए हैं जबकि उन्होने जीत के बाद बडे बडे दावे किए थे।