पत्रकार कल्याण बोर्ड का हो गठन: रणेश राणा
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया का द्विवार्षिक सम्मेलन संपन्न, जोगिंदर देव आर्य बने प्रदेश अध्यक्ष,
डॉ किशोर महासचिव और सुनील शर्मा बने कोषाध्यक्ष, स्वास्थ्य बीमा न होने से मीडिया जगत में रोष
बद्दी/सचिन बैंसल: नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजे इंडिया) हिमाचल इकाई का द्विवार्षिक सम्मेलन आज रविवार को नैना देवी मंदिर परिषद के मातृ आंचल सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा उपस्थित रहे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी और राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप तिवारी ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य प्रधान डॉ रणेश राणा ने की!

प्रदेश महासचिव डॉ. किशोर ठाकुर ने संगठन की दो वर्षों की गतिविधियों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संगठन के 12 जिलों में 200 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं और सभी उपमंडलों तथा जिलों में इकाइयों का गठन किया जा चुका है।

निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ रणेश राणा ने अपने कार्यकाल की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में प्रदेश भर में 50,000 किलोमीटर की यात्रा कर संगठन को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से उन्होंने पत्रकारों को पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर पेंशन सुविधा, पत्रकार कल्याण बोर्ड के गठन और मध्य प्रदेश की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा देने की मांग की थी, लेकिन न तो पिछली भाजपा सरकार और न ही वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इन मांगों पर कोई कार्रवाई की। राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि वर्ष 1972 से संगठन दिल्ली से लेकर संसद तक पत्रकारों की मांगों को लगातार उठाता रहा है, परंतु लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को सुविधाएं प्राप्त होने के बावजूद पत्रकारों की उपेक्षा होती रही है।

राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप तिवारी ने कहा कि एनयूजेआई के प्रयासों से देश के आधे राज्यों में सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए पत्रकार सम्मान निधि (पेंशन योजना) शुरू हो चुकी है, लेकिन हिमाचल प्रदेश अब भी इससे वंचित है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज और देश के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य करता है, फिर भी उसे सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश सरकारों ने कोई लाभ नहीं दिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर कंवरदीप शर्मा ने पत्रकारिता को एक पवित्र पेशा बताते हुए कहा कि यह माध्यम वंचितों, पीड़ितों और अभावग्रस्त वर्गों की आवाज़ उठाने का कार्य करता है, और इसमें कार्यरत व्यक्ति जीवन भर सीखते रहते हैं।