चंडीगढ़ः युवा किसान प्रीतपाल सिंह को लेकर यू टर्न मारने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि पहले सरकार प्रीतपाल के घायल अवस्था में मिलने के बाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने का हलफनामा दे चुकी है और तब उस पर अंगुली तक नहीं उठाई गई थी। अब सरकार 21 फरवरी को हुई हिंसा का उसे मुख्य साजिशकर्ता बता रही है जो समझ के परे है। हाईकोर्ट ने अब हरियाणा व पंजाब सरकार को इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्रीतपाल के दर्ज किए गए बयान सीन बंद लिफाफे में पेश किए गए। इस दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार से इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा। दोनों सरकारों ने कहा कि उन्हें बयान की कॉपी अभी मिली है और उन्हें कुछ समय दिया जाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि प्रीतपाल के पिता की ओर से अपहरण व बेदर्दी से की गई पिटाई को लेकर डीजीपी को दी गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है। पंजाब सरकार ने इस पर जवाब के लिए भी मोहलत मांगी गई।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर हुई हुई हिंसा के दौरान 15 पुलिसवाले घायल हो गए थे। इनमें से 8 ने प्रीतपाल का नाम लिया था और ऐसे में दूसरा पक्ष जानने के लिए उन्हें प्रीतपाल के बयान की प्रति चाहिए ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके। साथ ही प्रीतपाल के मिल जाने के बाद बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को रद्द करने की भी मांग की। हाईकोर्ट ने कहा कि 26 फरवरी के हलफनामे में सरकार ने प्रीतपाल के खनौरी बॉर्डर पर घायल अवस्था में मिलने की बात कही थी।
अब यू टर्न लेकर हिंसा के लिए भड़काने वाला बता रही है। 26 फरवरी को जिस पर अंगुली तक नहीं उठाई थी, उसे इस प्रकार हिंसा का जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह यू टर्न समक्ष से परे है। ऐसे में हम इस याचिका को यहां पर समाप्त नहीं कर सकते। प्रीतपाल ने शुक्रवार को बयान में कहा कि हरियाणा पुलिस उसे संगरूर से जबरन उठा कर ले गई और बेदर्दी से उसकी पिटाई की। उसे बेहद गंभीर चोटें आईं। इसके चलते उसे पहले अस्पताल भेजा गया और बाद में हालात गंभीर होने पर पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया।
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