चंडीगढ़ः बेअदबी मामले में फंसे डेरा मुखी गुरमीत सिंह को पंजाब हरियाणा कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। इस मामले में डेरा मुखी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रिसिडिंग पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। दरअसल बेअदबी मामले में दर्ज मामलों की पंजाब सरकार की एसआईटी की बजाय सीबीआई से ही जांच करवाए जाने की मांग को लेकर डेरा मुखी गुरमीत सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था।लेकिन पिछले दिनों हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दायर याचिका में डेरा मुखी ने कहा है कि बेअदबी मामले में दर्ज एफआईआर की पंजाब सरकार ने नवंबर 2015 में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे।
लेकिन बाद में राज्य में सरकार बदलते ही अगस्त 2018 में इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश वापिस ले लिए थे। इससे पहले पंजाब सरकार ने डेरा मुखी की इस याचिका पर अपना जवाब दायर कर हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले की पंजाब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश वापिस लेते हुए विधान सभा में प्रस्ताव पास किया था । हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी थी और हाई कोर्ट के आदेशों पर ही मामले की एसआईटी जांच कर रही है ऐसे में डेरा मुखी द्वारा अब यह मांगा करना पूरी तरह से गलत है। ऐसे में इस याचिका को ख़ारिज किया जाए।
दायर याचिका में डेरा मुखी ने कहा है कि बेअदबी मामले में दर्ज एफआईआर की पंजाब सरकार ने नवंबर 2015 में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे। लेकिन बाद में राज्य में सरकार बदलते ही इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर जांच शुरू कर दी थी और बाद में अगस्त 2018 में पंजाब सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश वापिस ले लिए थे।
डेरा मुखी का कहना है कि इस मामले के एक आरोपी के बयानों के बाद उन्हें पिछले साल इस मामले में नामजद कर लिया गया और फिर उनके प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिए गए। जिसे हाई कोर्ट ने रद्द करते हुए करते हुए एसआईटी को सुनारिया जेल में ही जाकर उनसे पूछताछ करने के आदेश दे दिए थे और एसआईटी उन्हें पूछताछ कर चुकी है। डेरा मुखी का कहना है कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है, ऐसे में इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। लिहाजा उन्होंने बेअदबी मामले से जुड़ी एफआईआर की सीबीआई से जांच करवाने के जो आदेश सरकार ने रद्द किए हैं, उन आदेशों को रद्द कर इस मामले की सीबीआई से ही जांच करवाने की मांग की है।
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