नई दिल्लीः दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट फैसला आ गया। जहां हाईकोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से इंकार कर दिया। दरअसल, इससे पहले कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ईडी ने केजरीवाल की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसको लेकर आज कोर्ट ने कहा- दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं। ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह से अनुचित है। यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है। अदालत को ED को जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को बेल दी थी, लेकिन ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने 21 जून को रोक लगा दी थी। अब कल (बुधवार को) सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। ED के वकील ने कोर्ट में कहा था कि ट्रायल कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने जो भी जरूरी दस्तावेज रखे गए थे, बेंच ने उस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। इन दस्तावेजों में सबूत थे कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूरी तरह शामिल हैं। ED के मुताबिक, दिल्ली शराब घोटाले से जो काला धन जमा हुआ था, उसमें आम आदमी पार्टी की बड़ी हिस्सेदारी थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केजरीवाल की भूमिका को नजरअंदाज करके वेकेशन बेंच ने भूल की है।
बता दें कि केजरीवाल ने 23 जून को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका पर सोमवार (24 जून) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने अभी फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए उसके पहले कोई आदेश देना सही नहीं होगा। थोड़ा इंतजार करना चाहिए। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रखना असमान्य बात है। आमतौर पर स्टे की याचिका में फैसला उसी समय सुनाया जाता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 26 जून तक के लिए सुनवाई टाल दी।
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