बोले 60 से ज्यादा रिहायशी 90 से ज्यादा पशुशालाएं हुई ध्वस्त
उत्तराखंड में आपदा पर हजारों करोड़ की मदद,तो हिमाचल से भेदभाव क्यों,बिना धन कैसे होगी पीड़ितों की मदद: विवेक शर्मा
ऊना/सुशील पंडित: कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विवेक शर्मा ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में आपदा पर हुई चर्चा में अपने विस क्षेत्र में हुई भारी तबाही का विस्तृत ब्यौरा रखते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने कहा कि इस बरसात के मौसम में कुटलैहड़ क्षेत्र में अब तक लगभग 45 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल लोगों की आजीविका को प्रभावित किया है, बल्कि कई परिवारों को बेघर भी कर दिया है। विधायक ने सदन में जानकारी देते हुए बताया कि कुटलैहड़ में 60 रिहायशी मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि करीब 90 पशुशालाएं ढह गई हैं। इसके अलावा क्षेत्र की अनेक सड़कों, पुलों और संपर्क मार्गों को भारी नुक़सान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में लापरवाही और गलत प्लानिंग के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों और दुकानों में घुस गया, जिससे नुक़सान और अधिक बढ़ा।विधायक ने उत्तराखंड में हुई प्राकृतिक आपदा का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार वहां करोड़ों के राहत पैकेज भेज रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश को उस तरह की मदद क्यों नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि कुटलैहड़ के लोग इस समय कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं और उन्हें तत्काल राहत की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के लिए 100 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है। इसके तहत जिनके मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें 7 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। वहीं, आंशिक रूप से प्रभावित परिवारों को 5 लाख और 3 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। विवेक शर्मा ने कहा कि विपक्ष को भी इस कठिन घड़ी में मुख्यमंत्री का साथ देना चाहिए और आपदा पर राजनीति करने से बचना चाहिए।
उन्होंने विशेष तौर पर मांग उठाई कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र का बडसाला पुल जो हाल ही में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है, उसका निर्माण जल्द से जल्द करवाया जाए। उन्होंने कहा कि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है और लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि आपदा प्रभावित इलाकों में त्वरित राहत और पुनर्निर्माण कार्य शुरू किए जाएं, ताकि लोगों की परेशानियों को जल्द कम किया जा सके।