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मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान, हवा में लटकी बस, देखें तस्वीरें

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हुआ है। राजधानी शिमला में कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। कई रास्ते और सड़कें बंद है। बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। परियोजनाओं में गाद आने से शिमला शहर के लिए गिरी से पेयजल आपूर्ति बंद हो गई है। भारी बारिश के कारण राजगढ़-नाहन रोड पर नेहर बाग के पास पंजाब रोडवेज की बस हवा में लटक गई। सभी यात्री सुरक्षित हैं। परवाणू शिमला एनएच पर जगह-जगह पत्थर व मलबा गिरने से परवाणू से धर्मपुर तक कई जगह ट्रैफिक वन-वे किया गया है।

मंडी के कटौला में 163.3 मिमी, चंबा के सिंहुता में 160 मिमी, सोलन के कसौली में 145 मिमी और कांगड़ा में 143.5 मिमी बारिश हुई है। शिमला शहर में 99.2 मिमी, मंडी के गोहर में 81 मिमी, पंडोह में 74 मिमी, सुंदरनगर में 70 मिमी और सिरमौर के पच्छाद में 65.2 मिमी बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 25 और 26 जून को प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

मंडी जिले की डैहर उपतहसील की ग्राम पंचायत सलापड़ कालोनी के सीयू गांव का 80 वर्षीय बुजुर्ग सौजू राम पुत्र काला राम अपनी 18 बकरियों को लेकर बीबीएमबी पावर हाउस सलापड़ के समीप चरा रहा था। अचानक सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से बुजुर्ग व 18 बकरियां पानी के तेज बहाव बह गई हैं। डीएसपी सुंदरनगर दिनेश कुमार ने बताया कि लापता वृद्ध की तलाश हेतु सर्च अभियान जारी है।

जोगिंद्रनगर के समखेतर में बाढ़ से सड़क बह गई है जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है। कुछ मकानों को भी भारी नुकसान हुआ है। सराज क्षेत्र के कई गांवों में बिजली गुल है। जंजैहली मंडी सड़क मार्ग सहित अन्य कई सड़कें अवरुद्ध हैं। हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना शौंगटोंग कड़छम का निर्माण कार्य सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से रोक दिया गया है। 450 मेगावाट की परियोजना का कार्य जलस्तर घटने के बाद ही शुरू हो पाएगा।

बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जून में ही नदी में पानी का स्तर बढ़ गया है। इस कारण परियोजना के बैराज की फाउंडेशन का कार्य रोक दिया गया है। जनजातीय जिला किन्नौर में 450 मेगावाट की शौंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का कार्य बीते तीन दिन से प्रभावित हो रहा है। सतलुज नदी पर बन रही इस परियोजना का कार्य नदी में पानी बढ़ने के कारण रोक दिया गया है। इन दिनों परियोजना के बैराज की फाउंडेशन का कार्य चल रहा था।

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