Loading...
- Advertisement -
HomeHimachalस्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की जिंदगी से जुड़ी हैं इसे हल्के में ना...

स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की जिंदगी से जुड़ी हैं इसे हल्के में ना ले सरकार : जय राम ठाकुर

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

ऊना/मंडी/सुशील पंडित: मंडी में मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्थाओं का बंटाधार कर रही है। जो चीजें लोगों के जीवन से जुड़ी हैं, सरकार को उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए और उनसे प्राथमिकता से निपटना चाहिए। लेकिन ऐसा प्रदेश में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहाहै। ताजा घटनाक्रम प्रदेश के एंबुलेंस कर्मियों द्वारा दो दिन की हड़ताल करने का और प्रदेश के लगभग 3000 डॉक्टर द्वारा मास कैजुअल लीव पर जाने के मामले में सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। जबकि यह प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन से जुड़ा मामला था। एंबुलेंस कर्मी लंबे समय से अपने भुगतान, ओवरटाइम आदि की मांग कर रहे थे। बार-बार सरकार को अल्टीमेटम दे रहे थे लेकिन सरकार द्वारा उनकी शिकायतों को अनसुना किया गया जिसका परिणाम आज सबके सामने है। आज पूरे प्रदेश भर में हजारों की संख्या में लोग एंबुलेंस का और उससे ज्यादा मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टर की राह देखते रहे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एम्बुलेंस और चिकित्सा जैसी सुविधाएं आपात सुविधा होती है। यदि किसी को एंबुलेंस चाहिए और उसे नहीं मिली तो उसकी जान पर भी बन जाती है लेकिन सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता तभी कोई भी समाधान निकालने की कोशिश नहीं की गई। 102 एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए है। किसी भी महिला को प्रसव के समय यदि एंबुलेंस न मिले तो उस पर और उसके परिवार पर क्या बितती है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह तो उस बच्चे के साथ भी अन्याय है जिसने अभी तक दुनिया नहीं देखी। समस्याओं का समाधान सरकारों को सूझबूझ के साथ करना चाहिए, उन्हें अपने तेवर नहीं दिखाने चाहिए। यह स्थिति बहुत गंभीर है और सरकार को इस मामले में बहुत संवेदनशीलता से काम करना चाहिए।

मंडी के नामधारी गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में  जयराम ठाकुर ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के साहबज़ादों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मात्र 6 वर्ष के फतेह सिंह और 9 वर्ष के जोरावर सिंह ने मुगलिया बर्बरता के सामने झुकने से इनकार करते हुए अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अद्वितीय कुर्बानी दी। खिलौनों से खेलने की उम्र में दी गई यह शहादत मानवता, दृढ़ संकल्प और साहस का ऐसा उदाहरण है, जिसकी तुलना इतिहास में कहीं और नहीं मिलती। धर्म परिवर्तन के नाम पर मासूम बच्चों को दीवारों में चुनवाने जैसी अमानवीय क्रूरता के सामने न झुकने वाला यह बलिदान पूरे देश के लिए गर्व का विषय है और साहबज़ादों द्वारा दिखाया गया मार्ग हमारे भविष्य को दिशा देता रहेगा।

उन्होंने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहबज़ादों की शहादत के दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय अत्यंत सराहनीय है, ताकि देश जान सके कि आज़ादी और लोकतंत्र के लिए हमारे पूर्वजों ने कैसी-कैसी यातनाएं सहीं। उन्होंने गुरु अर्जन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी तक सिख गुरुओं के बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि औरंगज़ेब के अत्याचारों के बावजूद गुरुओं ने धर्म से समझौता नहीं किया। इसलिए ‘वीर बाल दिवस’ के माध्यम से नई पीढ़ी को इस इतिहास से अवगत कराना आवश्यक है।

पीएम कौशल विकास योजना के तहत 2.27 करोड़ युवाओं को किया प्रशिक्षित

नेता प्रतिपक्ष नेमण्डी में एम्पायर स्किल इंडिया इंस्टीट्यूट के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके राष्ट्र निर्माण, सुशासन और मानवीय मूल्यों पर आधारित विचारों को स्मरण किया। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रारंभ किए गए स्किल इंडिया मिशन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बिना दक्षता के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करन आसान नहीं। जब हमारा युवा दक्ष नहीं होगा तब तक उसे तमाम प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत केंद्र सरकार ने अब तक 15000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च की है और 2.27 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया है। जिसने युवाओं को आधुनिक कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।  उन्होंने “कौशलयुक्त भारत, आत्मनिर्भर भारत” के द्वारा स्किल  इंडिया के संकल्प को साकार करने में सहयोगी  देने वाले बहुत से निजी और सरकारी संस्थान को साधुवाद दिया।

डॉक्टर के खिलाफ सरकार ने जल्दबाजी में लिया  निर्णय, फिर से जांच का दे रही है आश्वासन

जयराम ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार ने डॉक्टर के खिलाफ जल्दबाजी में निर्णय लिया है। सरकार को चाहिए कि दोनों पक्षों को बैठाकर कोई बीच का रास्ता निकाले। यह बात उन्होंने आज मंडी में एक समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह रवैया बन गया है कि निर्णय बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में लिए जा रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में डॉक्टर के निलंबन का निर्णय ठीक था ताकि उससे सबक भी मिले और भविष्य में सुधार भी हो। लेकिन सरकार ने जल्दबाजी में निर्णय लिया। उसी का नतीजा है कि आज फिर से रेजिडेंट्स  डॉक्टर्स  से मिलकर मुख्यमंत्री ने फिर से जांच का आश्वासन दिया है।

इस तरह की घटनाएं प्रदेश की पहचान पर एक दाग है। देश दुनिया में इस घटना की निंदा हुई। यह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान है। जयराम ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां कई बार उत्पन्न हो जाती हैं सरकार और प्रशासन को इसके समाधान की तरफ आगे बढ़ना चाहिए।ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए हैं?

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page