चंडीगढ़ः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने राज्यभर के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 3 कंपनियों द्वारा निर्मित 8 दवाओं की खरीद और उपयोग को तुरंत बंद करने के आदेश जारी किए हैं। विभाग ने “प्रतिकूल प्रतिक्रिया” की रिपोर्टों के बाद यह कार्रवाई की है। इन दवाओं में Normal Saline (सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन IP 0.9%), डेक्सट्रोज इंजेक्शन IP 5%, सिप्रोफ्लॉक्सासिन इंजेक्शन 200 मि.ग्रा., DNS 0.9%, NI2 + डेक्सट्रोज 5% IV तरल, बुपिवाकेन हाइड्रोक्लोराइड (Bupivacaine HCL) तथा डेक्सट्रोज इंजेक्शन शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग मुताबिक, इन दवाओं से कुछ सरकारी अस्पतालों में मरीजों को प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। विभाग ने स्पष्ट किया कि जब तक आगे के आदेश नहीं आ जाते, इन दवाओं और तरल इंजेक्शनों का उपयोग पूरी तरह से बंद किया जाए। यह निर्णय मरीजों की सुरक्षा को ध्यान को रखते हुए एहतियातन लिया गया है।
विभाग ने राज्य की सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सा इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि इन दवाओं का इस्तेमाल, वितरण और नई खरीद तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। जहां ये दवाएं पहले से स्टॉक में मौजूद हैं, वहां उन्हें सुरक्षित रूप से अलग रखा जाए और उनके निस्तारण या वापसी की प्रक्रिया संबंधित अधिकारियों के मार्गदर्शन में की जाए। यदि किसी भी केंद्र में इन दवाओं के उपयोग से संबंधित कोई भी नया प्रतिकूल प्रभाव सामने आता है, तो उसकी तत्काल सूचना उच्च अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को दी जाए।
स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की वैज्ञानिक और तकनीकी जांच शुरू कर दी है। जांच के तहत इन दवाओं की गुणवत्ता, बैच की सुरक्षा, निर्माण प्रक्रिया और संभावित दूषण की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि इन दवाओं पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और संस्थानों से अपील की है कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन करें।