हेल्थः जीएसटी रिफॉर्म्स लागू होने से आज से तमाम सामानों और सुविधाओं पर लोगों को बड़ी राहत मिली है। वहीं लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाला जीएसटी जीरो हो गया है। जिसका असर पॉलिसी होल्डर्स को प्रीमियम भुगतान पर देखने को मिलेगा और उन्हें कम पैसा देना होगा।
नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म के तहत जरूरी सामानों और सेवाओं पर नए सिरे से जीएसटी रेट्स लागू किए गए हैं। पहले लागू 12% और 28% के स्लैब को खत्म किया गया है, तो इनमें शामिल चीजों को 5% और 18% के स्लैब में डाल दिया गया है। बात अगर इंश्योरेंस पर लागू जीएसटी की करें, तो अब इसे शून्य कर दिया गया है। अब तक लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी की दर से ही जीएसटी लागू था।
प्रीमियम पेमेंट पर बचत का कैलकुलेशन
अगर आपकी पॉलिसी का मंथली बेस प्रीमियम 30,000 रुपये था, तो उस पर 18% जीएसटी के हिसाब से 5400 रुपये मंथली जोड़कर 35,400 रुपये का पेमेंट करना होता था। लेकिन अब जीरो जीएसटी होने पर प्रीमियम पर टैक्स की अतिरिक्त लागत नहीं देनी होगी और सिर्फ बेस प्रीमियम का पेमेंट ही करना होगा। वहीं अगर किसी का प्रीमियम 10,000 रुपये है, तो उसे इस हिसाब से सीधे 1800 रुपये की बचत होगी।
अगर टर्म इंश्योरेंस की बात करें, तो ये भी अब पहले से काफी सस्ता हो गया है। आपने 30 साल की उम्र में 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस लिया है, तो आपका सालाना प्रीमियम करीब 15000 रुपये बनता था। लेकिन, अब पॉलिसी होल्डर पर पड़ने वाला 18 फीसदी टैक्स का अतिरिक्त बोझ कम हो जाएगा।
फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पर कितनी बचत?
अगर कोई व्यक्ति फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस लेता है, तो उसके भी काफी पैसा बचेंगे। अगर आपकी उम्र 35 साल और पत्नी की उम्र 33 साल है, इसके साथ ही आपके दो बच्चे हैं। पूरी फैमिली के लिए 10 लाख कवर का प्रीमियम औसतन सालाना 25,000 रुपये होता है। उस पर 18% GST लगता था, जो 4500 रुपये होता था, यानी कुल 29,500 रुपये भरना होता था, लेकिन अब जीएसटी नहीं लगेगा, इसलिए सीधे-सीधे 4500 रुपये बचने वाला है।