भागलपुरः सावन माह शुरू है, ऐसे में हरियाली तीज का त्योहार भी नजदीक आ रहा है। इस बार 7 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी। तीज का खास महत्व होता है। महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए हरियाली तीज मनाई जाती है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाए जाने वाले इस व्रत का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं पीपल पेड़ का डंठल तोड़कर छत पर पूजा करती हैं, जिससे उन्हें अत्यधिक फल मिलता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। उन्होंने रेत यानी बालू की शिवलिंग बनाकर तपस्या की थी। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान शिव माता पार्वती से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए और उनकी मनोकामना को पूरा करने का वचन दिया। शिव जी ने कहा कि जो महिलाएं श्रावणी तीज पर विधि विधान से व्रत करेंगी, पूजा करेंगी और तुम्हारी कथा का पाठ सुनेंगी, उनके वैवाहिक जीवन के सारे संकट दूर होंगे और उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।