नई दिल्ली: संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं है। अब इसी बीच रमणरेती महावन के महाराज गुरु शरणानंद उनसे मिलने के लिए केली कुंज आश्रम में पहुंचे। दोनों संतों का यह मिलन देखकर सभी भावुक हो गए हैं। गुरु शरणानंद महाराज को देखते ही बाबा प्रेमानंद जी ने उन्हें साष्टांग दंडवत प्रणाम किया और अपनी गद्दी पर बिठाया।
गुरु जी के चरण धोए
प्रेमानंद ने बहुत ही विनम्रता के साथ गुरु शरणानंद जी को अपने आसन पर बिठाया। इसके बाद उनकी चरण वंदना करते हुए उनकी आरती उतारी। प्रेमानंद ने अपने अपने हाथों से गुरु जी के चरण धोए और फिर उसको अपने दुपट्टे से साफ किया। इससे जुड़ी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आई है। इस दृष्य को देखकर सभी संत भावुक हो गए हैं।
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दोनों संतों के इस मुलाकात के बाद सभी भावुक हो घए हैं। मुलाकात के दौरान दोनों की आंखों में आंसू थे और वह काफी देर तक एक-दूसरे के गले मिलते रहे। इस अवसर पर संत गुरु शरणानंद जी ने आश्रम में मौजूद सभी संतों को काजू, किश्मिश और बादाज का प्रसाद बांटा। प्रेमानंद महाराज से पहली बार किसी अन्य संत को अपनी गद्दी पर बिठाया है।
यह सम्मान रमणरेती आश्रण के महंत कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज को दिया गया है। इस घटना ने संत समाज और सभी भक्तों को एक गहरा संदेश दिया है।
किडनी दान करने का रखा प्रस्ताव
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से प्रेमानंद महाराज अस्वस्थ चल रहे हैं। ऐसे में उनका हालचाल जानने के लिए ही गुरु शरणानंद महाराज उनसे मिलने पहुंचे थे। प्रेमानंद महाराज ने खुद उठकर गुरु शरणानंद महाराज को अपनी गद्दी पर बिठाया है। यह पहला अवसर था जब कोई अन्य संत प्रेमानंद की गद्दी पर बैठा हो।
इस दौरान गुरु शरणानंद महाराज ने बाबा प्रेमानंद को यह भी कहा कि उनका एक भक्त अपनी किडनी उन्हें दान करना चाहता है परंतु इस प्रस्ताव पर बाबा प्रेमानंद ने विनम्रतापूर्वक जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि – जब तक राधा रानी जी की कृपा है वह अपनी मौजूदा किडनी से ही जीवन जिएंगे