ऊना/सुशील पंडित : देश भर में गुरु पूर्णिमा सोमवार को मनाई जाएगी हालांकि पिछले 3 दिनों से गुरु पूर्णिमा के आयोजन गुरु आश्रमों में हो रहे हैं। यह शुभ दिन समस्त गुरुओं को समर्पित होता है। गुरु अपने शिष्य की जिंदगी संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उसे सही मार्ग पर चलने का ज्ञान देते हैं। सकारात्मक सोच के साथ सही मार्ग पर निरंतर बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।अज्ञानता को दूर करके अपने ज्ञान से लोगों की जिंदगी संवारने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान अपने सभी शिष्यों और ऋषि मुनियों को दिया था। उसके बाद से ही उनके शिष्यों ने यह दिन गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाने की शुरुआत की। आज भी यह परंपरा लगातार निरंतर जारी है। पहले गुरु कहलाए महर्षि वेदव्यास का जन्म भी आषाढ़ माह की पूर्णिमा के ही दिन हुआ था, इसलिए भी यह दिन खास होता है।
जिला ऊना में डेरा बाबा रूद्रा नंद आश्रम व बाबा बाल जी आश्रम प्रसिद्ध धार्मिक स्थान व गुरु आश्रम है। इन दोनों गुरु आश्रमों से हजारों लोगों की आस्था जुडी हुई है गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश ही नहीं अपितु विदेश में रहते श्रद्धालु भी इस दिन अपने गुरु के दर्शन करने के लिए विशेष रूप से आते हैं। डेरा बाबा रूद्रानंद आश्रम नारी के अधिष्ठाता स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज व उनके परम शिष्य अचार्य हेमानंद जी महाराज के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। हालांकि 3 जुलाई से गुरु पूर्णिमा है जबकि गुरु दर्शन हेतु 3 दिन पहले ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। 30000 श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज को माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया शुरुआत में अचार्य हेमानंद जी ने अपने गुरु श्री श्री 1008 सुग्रीव आनंद जी महाराज जी का मंत्र उच्चारण के साथ विधिवत पूजन किया उसके उपरांत गुरु महाराज गर्भ दरिया के सामने आसन पर विराजमान हो गए तथा भक्तों ने माथा टेका पता आशीर्वाद लिया।इसी प्रकार बाबा बालजी आश्रम कोटला कलां में भी भागवत कथा का आयोजन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर करवाया जा रहा है आश्रम के अधिष्ठाता बाबा बाल जी महाराज के सानिध्य में चल रही कथा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और गुरु दर्शन की आशा से पधार रहे हैं।