नई दिल्लीः साल 1981 में इंफोसिस की नींव रखी गई थी और कुछ सालों के संघर्ष के बाद यह देश की दिग्गज आईटी कंपनियों में शुमार हो गई। नारायण मूर्ति ने अपने परिवार को कंपनी ने दूर रखा। अब उन्होंने अपने 4 महीने के पोते को इंफोसिस के करोड़ों के शेयर गिफ्ट कर दिए हैं। नारायण मूर्ति ने अपने 4 महीने के पोते को बेशकीमती तोहफा दिया है।
इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने अपने चार महीने के पोते एकाग्रह रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपए से अधिक के इंफोसिस के शेयर गिफ्ट में दिए हैं। एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक नारायण मूर्ति ने अपने पोते एकाग्रह रोहन मूर्ति को 15,00,000 शेयर या 0.04 प्रतिशत हिस्सेदारी तोहफे में दी है। दादा के इस तोहफे के साथ ही एकाग्रह रोहन मूर्ति संभवत: भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति बन गया है।
बता दें कि 10 नवम्बर 2023 को एकाग्रह का जन्म हुआ था पोते के घर आने के बाद से नारायण मूर्ति खुश हैं। उन्होंने एकाग्रह को अपनी कंपनी के अपने हिस्से में से 0.04 फीसदी के शेयर गिफ्ट कर दिए हैं। जिसकी वैल्यू करीब 240 करोड़ रुपए की है। वहीं पोते को ये शेयर ट्रांसफर करने के बाद से उनके उनके पास मौजूद कुल शेयरों का 0.36 फीसदी हिस्सा यानी कि 1.51 करोड़ शेयर ही बचे हैं। ये ट्रांसफर ऑफ मार्केट में किया गया है।
नारायण मूर्ति ने इंफोसिस को 25 साल देने के बाद दिसंबर 2021 में रिटायरमेंट ले लिया। उन्होंने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति और बेटे रोहन को इंफोसिस से दूर रखा। बेटे रोहन के अलावा उनकी एक बेटी अक्षरा भी हैं, जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं। मूर्ति परिवार अपनी सादगी और सरल स्वभाव को लेकर चर्चा में रहते हैं। सुधा मूर्ति जानी-मानी लेखिका होने के साथ-साथ सोशल वर्क हैं। उनका परिवार फाउंडेशन के माध्यम से धर्मार्थ प्रयासों से जुड़ा है। हाल ही में सुधा मूर्ति को राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में चयनित किया गया है।
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