नई दिल्ली : अब खूखार आतंकियों को जमानत पर छोड़ने के बाद पुलिस को उनकी निगरानी करने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। ऐसे कैदियों की निगरानी के लिए अब पुलिस ने अब ऐसा जीपीएस ट्रैकर (एंकलेट) इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जो जमानत पर रिहा हुए आतंकियों के पैर में पहना दिया जाएगा। इससे पुलिस जब चाहे उन्हें आसानी से ट्रैक कर सकेगी. इसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कर दी है। J-K पुलिस ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसा करने वाली देश की पहली पुलिस बन गई है। दरअसल, जीपीएस ट्रैकर एंकलेट एक ऐसी डिवाइस है, जिसे किसी शख्स के टखने के चारों तरफ चिपका दिया जाता है। इसे लगाने के बाद उस व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। इस डिवाइस का इस्तेमाल पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे पश्चिमी देशों में जमानत या पैरोल पर जाने वाले कैदियों के लिए किया जाता है। इसके अलावा घर में नजरबंद आरोपियों की भी इससे निगरानी की जाती है। पुलिस के मुताबिक इस डिवाइस को एनआईए की स्पेशल कोर्ट के एक आदेश पारित करने के बाद इस्तेमाल में लाया गया।
इसमें पुलिस को आतंक के एक आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया गया। दरअसल, यूएपीए की कई धाराओं के तहत आरोपी गुलाम मोहम्मद भट ने जमानत के लिए आवेदन किया था। जमानत पर सुनवाई लंबित रहने के चलते आरोपी ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की।आरोपी पर कई आतंकी संगठनों से जुड़े होने और प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के इशारे पर आतंक की फाइनेंसिंग में शामिल होने का केस है। जिस केस में उसे बंद किया गया था, उसमें 2.5 लाख रुपये की टेरर फाइनेंसिंग करते समय उसे गिरफ्तार किया गया था।
कैदी के खिलाफ चल रहे थे कई केस
आरोपी को एक दूसरे मामले में भी आतंकी संगठन से जुड़े होने और आतंकी कृत्य की साजिश रचने के आरोप में एनआईए कोर्ट और दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अधिकारियों ने कहा कि स्पेशल एनआईए कोर्ट ने जम्मू में जोनल पुलिस मुख्यालय को आरोपियों की कड़ी निगरानी करने के लिए कहा था। अभियोजन पक्ष की दलील के बाद स्पेशनल एनआईए कोर्ट ने आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया।