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आया हेल्पर भर्ती के नाम पर भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद को बढ़ावा दे रही है सरकार: जयराम ठाकुर

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न कोई नियम–न कोई कानून बस सरकार के इशारे पर भर्ती करने का मिल रहा है निर्देश

पंचायत चुनावों के पहले आया हेल्पर भर्ती कर चहेतों को लाभ पहुंचा चुनाव प्रभावित करने की कोशिश

ऊना/सुशील पंडित: शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अपना हर कदम इस हिसाब से उठाती है कि इसे भ्रष्टचार और अराजकता करने का खूब मौका मिल सके। हाल ही में सरकार द्वारा प्रदेश के 6202 प्री प्राइमरी स्कूल्स में आया हेल्पर के पद निकाले हैं। इस भर्ती में चयनित लोगों को लगभग 3800 प्रतिमाह मिलेंगे। जिसमें से 90% हिस्सा केंद्र की मोदी सरकार और 10% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।  लेकिन सरकार इसे भी अपने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देना चाहती है। इसे सुख की सरकार द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से भरे जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उस भर्ती में कोई भी नियम स्पष्ट नहीं है कि यह भर्ती कैसे की जानी है? आया हेल्पर को नौकरी पर रखने का आधार क्या होगा? किसे चुना जाएगा, किसे नहीं चुना जाएगा?  सरकार की यह योजना पूर्णतया अराजकता और भ्रष्टाचार के साथ-साथ भाई भतीजावाद को बढ़ावा देने का इंतजाम है। सरकार की हर योजना इसी तरीके से प्रदेशवासियों को गुमराह करने, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने, मित्र मंडली को कमाने का जुगाड़ देने का साधन बनती है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने पहले ही बताया था कि मंत्री ने अपनी पूरी मित्र मंडली को आउटसोर्स की एजेंसियां खोलने के निर्देश दे दिए थे। जिसके जरिए वह भ्रष्टाचार और मनमानी कर सकें। ऐसे लोगों द्वारा आउटसोर्स की नौकरियां थोक के भाव बेचने के आरोप सरकार के करीबियों पर लगे थे।  जिसे हमने हमेशा उठाया था। लोगों ने आउटसोर्स की नौकरियों के लिए भी लाख रुपए– दो लाख रुपए रेट खोल कर वसूली की थी।  इसी तरीके के आरोप एनटीटी की भर्ती में भी लगे थे जो अंततः अन्य कारणों से रद्द हो गई। आउट सोर्स भर्तियों में अनियमिता को लेकर न्यायायल द्वारा सरकार की कड़ी आलोचना की जाती रही है। क्योंकि आउट सोर्स भर्तियां करने वाली एजेंसियों से जुड़े एक से बढ़कर एक हैरान करने वाले तथ्य सामने आते रहते हैं। जो सरकार की मंशा पर सवाल उठाते रहते हैं। आया हेल्पर भर्ती भी सरकार की भ्रष्टाचार योजना का नायाब नमूना है। जहां “खाता न बही जो सरकार कहे वही सही” वाली योजना  चलाई जा रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि आया हेल्पर भर्ती में स्पष्ट दिशा निर्देश न रखने के पीछे सरकार की यही मंशा  अपने मित्र मंडली की आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और पंचायत चुनाव को प्रभावित करना है। आया हेल्पर भर्ती कर रही कंपनियों को सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि पंचायत चुनाव के ठीक पहले ही यह नियुक्तियां देनी हैं और देनी किसे हैं–यह सरकार तय करेंगी। इस तरीके से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित और वित्त पोषित योजना को सुक्खू सरकार भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद की भेंट चढ़ाकर न सिर्फ नैतिकता को दरकिनार कर रही है बल्कि प्रदेश के लोगों का भी हक छीनने की कोशिश कर रही है। यह कोशिश हम कामयाब नहीं होने देंगे।

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