नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पांचवे व छठे वेतन आयोग के तहत सैलरी प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि कर दी है. इस वृद्धि के बाद छठे वेतन आयोग के तहत सैलरी ले रहे कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 203 फीसदी से बढ़कर 212 फीसदी हो गया है. डीए की नई दरें 1 जुलाई 2022 से लागू मानी जाएंगी. इसके अलावा पांचवें वेतन आयोग के तहत वेतन ले रहे केंद्रीय कर्मचारियों के डीए को 15 फीसदी बढ़ाकर 396 फीसदी कर दिया गया है. इन कर्मचारियों के लिए भी बढ़ोतरी 1 जुलाई से ही लागू मानी जाएगी।
महंगाई भत्ता किसी कर्मचारी के बेसिक वेतन के आधार पर तय किया जाता है. अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 43000 रुपये प्रति माह है तो उसे पुराने डीए (203 फीसदी) के तहत 87,290 रुपये मिलते होंगे. वहीं, डीए 212 फीसदी होने के बाद ये बढ़कर 91,160 रुपये हो जाएगा. इससे उनके वेतन में करीब 3800 रुपये का इजाफा हो जाएगा. बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर (डीओआई) ने 12 अक्टूबर को एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर डीए बढ़ोतरी की सूचना दी थी।
सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन या पेंशन ले रहे कर्मचारियों का डीए व डीआर (महंगाई राहत) सितंबर में 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया था. इसके बाद से ही छठे व पांचवें वेतन आयोग के तहत वेतन या पेंशन ले रहे कर्मचारी/पूर्व कर्मचारी डीए या डीआर बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से मुकाबले के लिए भत्ता देती है. इसी को महंगाई भत्ता (कर्मचारियों के लिए) और महंगाई राहत (पेंशनभोगियों के लिए) कहते हैं. केंद्र सरकार जुलाई और जनवरी में इसकी समीक्षा करती है. डीए इस बात पर भी निर्भर करता है कि कर्मचारी किस क्षेत्र में काम करता हैं. यानी शहरी क्षेत्र, लघु शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का डीए अलग-अलग होता है।
डीए किसी कर्मचारी के बेसिक पे के आधार पर कैलकुलेट होता है. बेसिक पे में किसी अन्य तरह का विशेष भुगतान नहीं होता है और ये शुद्ध वेतन होता है. क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता कहते हैं कि जब पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर है ऐसे में महंगाई भत्ता बढ़ना वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत देगा।
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