सेहत: अपने नाखूनों को सुंदर बनाने के लिए लड़कियां क्या-क्या नहीं करती। हाथों में मैनीक्योर करवाती हैं। नेल्स की शेप बनाती हैं और सुंदर-सुंदर नेल आर्ट करवाती हैं परंतु यदि वही नेल आर्ट्स या मैनीक्योर आपके लिए प्रॉबल्म बन जाए तो क्या होगा। ऐसा ही 23 साल की लड़की के साथ हुआ है। मैनीक्योर करवाना उस उस समय महंगा पड़ा जब नाखून में ऐसा वायरस चला गया जो यौन संचारित संक्रमण का कारण बन सकता है। लड़की ने बताया कि 1 जून 2023 को वो ऐक्रेलिक नेल मैनीक्योर करवाने के लिए पोर्टलैंड के सैलून में गई थी। इस दौरान उसको संक्रमण हो गया।
उंगलियों में पड़े छाले
हालांकि यह सिंपल ब्यूटी सर्विस थी। इसकी कीमत आमतौर पर 5-6 हजार के बीच होती है जिसके परिणामस्वरुप कथित तौर पर एसटीआई हर्पीज वायरस का संक्रमण हुआ है। मैनीक्योर करवाने के लिए गई इस लड़की को कुछ घंटे के बाद ही दाहिनी तर्जनी उंगली पर सूजन महसूस होने लग गई और वह बीमार महसूस करने लग गई। 4 दिन केे बाद जब उसकी उंगलियों में दर्दनाक छाले पड़ गए तो वह डॉक्टर के पास गई। उसकी उंगलियों की हालत देखकर डॉक्टर्स ने उसके घावों से स्वाब लिया और उसके छालों के नमूने लेकर टेस्टिंग के लिए भेज दिए।
टेस्टिंग से उन्हें यह पता चला कि उसको हर्पेटिक व्हाइटलो संक्रमण हो गया था। यह हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण होने वाला उंगली का इंफेक्शन है। यह एक सामान्य वायरस है जो अमेरिका में एक लाख लोगों में करीबन 3 को ही प्रभावित करता है। इसके कई प्रकार हैं जिसमें एएसवी-1 (HSV-1) जो ओरल हर्पीज और कोल्ड कोर का कारण बनता है। वहीं एचसीवी-2 (HSV-2) जेनिटल हर्पीज का कारण बनेगा हालांकि यह साफ नहीं है कि महिला को कौन से प्रकार का इंफेक्शन हुआ था।
आमतौर पर संक्रमित लार और जननांग लिक्विड के जरिए से फैलने वाला हर्पेटिक व्हाइटलो इंफेक्शन शेयर किए जाने वाले नेल इक्यूरमेंट या मेडिकल इक्यूपमेंट जैसी दूषित चीजों के जरिए से भी फैल सकता है। इसका कोई भी इलाज नहीं है। इसके चलते घाव और छाले हो सकते हैं। यह संक्रामक संक्रमण अक्सर उंगलियों के सिरे या नाखूनों के आस-पास दर्दनाक छाले, सूजन और लालिमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा यह बुखार और लिम्फ नोड्स में सूजन पैदा हो सकते हैं। संक्रमण के शुरुआती चरण में आपकी उंगली में दर्द और झुनझुनी महसूस होती है।
इसके चलते कुछ दिनों में आपके नाखून के पास छाले बन सकते हैं। इससे त्वचा कोमल और सेंसिटिव हो जाती है। जैसे-जैसे इंफेक्शन बढ़ता है, सूखने लगता है और ठीक हो जाता है तो उस दौरान त्वचा पर पपड़ी सी बन जाती है। हर्पेटिक व्हाइटलो के ज्यादातर मामलों में एक उंगली प्रभावित होती है पर इंफेक्शन की गंभीरता के आधार पर दूसरी उंगलियों में भी यह इंफेक्शन फैल सकता है। डॉक्टर वैसे तो घाव की उपस्थिति और रोगी के लक्षणों के आधार पर हर्पेटिक व्हाइटलो का ट्रीटमेंट कर सकते हैं। वैसे तो हर्पेटिक व्हाइटलो संक्रमण आमतौर पर खुद ठीक हो जाता है परंतु इस प्रक्रिया में मदद के लिए एंटीवायरल दवाईयों की जरुरत भी हो सकती है।