पठानकोटः भारत-पाक सीमा से सटे सैकड़ों गांव आज भी आधुनिक सुविधाओं से वंचित हैं। इन गांवों के बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है, जिसमें उन्हें हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए सीमावर्ती इलाके में बसे गांव रामकलवान की पंचाचय ने एक तरीका ढूंढा है। गांव रामकलवान की पंचायत ने बीएसएनएल के साथ मिलकर पूरे गांव को वाई-फाई से जोड़ने का काम किया है, ताकि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें और उन्हें बाहर न जाना पड़े। इसके तहत गांव में वाई-फाई कनेक्शन लगाए गए हैं, जिनका बिल भी पंचायत द्वारा भरा जाएगा।
इस अवसर पर पंचायत सदस्यों ने कहा कि कोविड लॉकडाउन और अब हाल ही में आई बाढ़ के दौरान क्षेत्र में संचार सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों की शिक्षा पर बहुत बुरा असर पड़ा है। कई बच्चे गरीब परिवारों से हैं जो वाई-फाई का खर्च वहन नहीं कर सकते और ऑनलाइन शिक्षा सुविधाओं के अभाव में वे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं या उन्हें पढ़ाई के लिए बाहरी शहरों में जाना पड़ता है। इन समस्याओं को देखते हुए गांव में निःशुल्क वाई-फ़ाई कनेक्शन लगाने का निर्णय लिया गया।
बीएसएनएल ने आज ये कनेक्शन लगा दिए हैं, ताकि गरीब बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। बीएसएनएल के अगम बलबीर सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र का यह पहला गांव है जहां वाई-फाई लगाया गया है और इससे लोगों को बहुत लाभ होगा। वहीं, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि पंचायत का यह एक सही कदम है, जिससे गरीब बच्चों को लाभ होगा। उन्होंने अन्य सीमावर्ती पंचायतों से भी इससे सीख लेने की अपील की।