करनालः लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी माहौल काफी गरमा गया है। एक और नेताओं का पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है। वहीं दूसरी ओर अन्य पार्टियों से नेताओं के आने के चलते पुराने नेताओं में रोष पाया जा रहा है। इस दौरान कुछ दिनों पहले हरियाणा में में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने दोबारा से कैबिनेट का विस्तार किया था। वहीं भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नए नायब सिंह सैनी को बनाया गया। जिसके बाद से प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज की नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि इस नाराजगी को वह खुलकर बयां नहीं कर रहे है। वहीं अब अनिल विज ने सोमवार को अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट से ‘मोदी का परिवार’ हटा दिया है।
हालांकि, अनिल विज हमेशा बोलते रहे हैं कि परिस्थितियां कुछ भी हो, लेकिन वे भाजपा के अनन्य भगत हैं। दरअसल, RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास परिवार नहीं होने को लेकर टिप्पणी की थी, जिस पर सियासी पारा चढ़ गया था। तभी से भाजपा ने एक नया अभियान चलाया था, जिसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने नाम के सामने मोदी का परिवार लिखा था। उसमें हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भी अपना X पर नाम बदलते हुए मोदी का परिवार लिखा था। विज के मीडिया एडवाइजर रमिंदर सिंह ने बताया कि एक्स एड करने पर टेक्निकल प्रॉबल हुई थी। वर्ड लिमिट के कारण ‘मोदी का परिवार’ हट गया। जिसको तुरंत दुरुस्त कर दिया था।
अनिल विज की नाराजगी की शुरुआत सूबे में मुख्यमंत्री के बदलाव से शुरू हुई। दरअसल, मुख्यमंत्री बदलाव के बारे में अनिल विज को कोई जानकारी नहीं थी। जबकि, बदलाव को लेकर हो रही इस प्रक्रिया की जानकारी पूर्व सीएम मनोहर लाल को थी, इसमें अहम यह रहा कि मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद पूर्व गृह मंत्री उन्हीं के साथ ही एक कार में घूमते रहे, लेकिन इसके बाद भी विज को उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद विधायक दल की मीटिंग में नायब सैनी के नेता चुने जाने से वह सरप्राइज रह गए। इसके बाद वह नाराज होकर मीटिंग को छोड़कर चले गए।
विज की नाराजगी इस कदर रही कि उन्होंने नायब सैनी के मंत्रिमंडल से भी किनारा कर दिया। विज फिलहाल पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे। मगर, भाजपा की अंबाला कैंट सीट के अलावा पार्टी एक्टिविटी से दूरी बना चुके हैं। हाल ही में अनिल विज पंचकूला में हुई अंबाला लोकसभा चुनाव की मीटिंग में भी नहीं पहुंचे। इससे पहले गुरुग्राम में भी चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया ने मीटिंग की थी, लेकिन वह वहां भी नहीं पहुंचे थे। विज ने इस पर कहा था कि वे भाजपा के अनन्य भक्त हैं। मीटिंग में न जाने पर विज ने कहा कि मीटिंग में बड़े लोग जाते हैं, मैं तो छोटा सा कार्यकर्ता हूं।
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