अमृतसरः आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमृतसर में जरूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि नई पॉलिसी के नाम पर मनरेगा स्कीम को कमजोर किया जा रहा है, जो सीधा-सीधा गरीब और मजदूर विरोधी कदम है। कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि 2005 में शुरू की गई मनरेगा स्कीम गरीब मजदूरों के लिए 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी, लेकिन अब केंद्र सरकार इसका बजट कम करके और 100% सेंट्रल फंडिंग को 60:40 के रेश्यो में बदलकर राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्यों का GST पहले ही केंद्र के पास जाता है, तो राज्यों को 40% हिस्सा कहां से मिलेगा।
खेती के मौसम में मनरेगा का काम रोकना मजदूरों के मुंह से रोटी छीनने जैसा है। उन्होंने पूछा, “जिन मजदूरों के पास अपनी जमीन नहीं है, वे दो महीने कैसे गुजारा करेंगे?” धालीवाल ने दो टूक कहा कि यह पॉलिसी गरीबों के जीने के अधिकार पर सीधा हमला है। इस मौके पर उन्होंने बांग्लादेश के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि इंसानियत के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की निंदा होनी चाहिए, लेकिन पंजाब के मुसलमानों को बांग्लादेश से जोड़कर निशाना बनाना गलत और खतरनाक सोच है। जो भारत में पैदा हुए हैं, वे भारतीय हैं और उनके साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धालीवाल ने नवजोत कौर सिद्धू के अमृतसर के विकास के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद देने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर अमृतसर को कोई स्पेशल पैकेज या विकास का तरीका मिला, तो उसे जनता के सामने लाना चाहिए। सिर्फ धन्यवाद देने से राजनीतिक शक पैदा होता है। आखिर में धालीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी मनरेगा में किए जा रहे बदलावों के खिलाफ नेशनल और पंजाब लेवल पर बड़ा संघर्ष करेगी और गरीबों, मजदूरों और किसानों के हक की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है।