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पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री का हुआ निधन, कई दिनाें से चल रहे थे बीमार….

माेगा। पंजदरिया की बुनियाद पर विकास की राह चुनने वाली आंखें शनिवार सुबह तड़के 5 बजे हमेशा के लिए मूंद गई। दो बार मोगा, एक बार धर्मकोट विधानसभा से विधायक रहे अकाली नेता जत्थेदार तोता सिंह ने मोहाली के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली वे दो बार पंजाब की बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। तोता सिंह पहली बार साल 1997 में मोगा विधानसभा सीट से चुनाव जीते, पहली बार में भी बादल सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री के रूप में कैबिनेट रैंक मिला था। ताेता सिंह के निधन पर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सहित कई नेताओं ने शाेक जताया है।

निहालसिंह वाला के अपने पुस्तैनी गांव दीदारेवाला से मोगा आकर चुनाव लड़ने वाले जत्थेदार तोता सिंह ने मोगा की जनता से वादा किया था कि अगर उन्होंने जिताया तो वे मोगा को ही अपना घर बना लेंगे। जत्थेदार तोतासिंह का ये वादा उस समय मोगा के लोगों के दिलों पर असर कर गया, तोतासिंह यहां से चुनाव जीते तो उन्होंने फिरोजपुर रोड पर अपना नया आशियाना बनाकर अपना बड़ा वादा निभाया।

शिक्षा मंत्री बनने के बाद तोता सिंह ने तब सूबे के सबसे ज्यादा उपेक्षित व आतंकवाद से प्रभावित मोगा जिले की विकास की ऐसी पटकथा तैयार की, आज भी लोग याद करते कहते हैं कि अगर मोगा में विकास हुआ तो जत्थेदार तोतासिंह के समय ही हुआ। जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के चार ब्लाकों का निर्माण जत्थेदार तोता सिंह ने संपूर्ण पंजाब की पांच नदियों के सतलुज, रावी, झेलम, चिनाव, व्यास का नाम दिया। ये पांच मंजिली बिल्डिंग बनाने के लिए जत्थेदार तोतासिंह को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की नौकरशाही को हराना पड़ा था।

पंजाब सरकार के अधिकारियों ने इस जगह पर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स ये कहकर बनाने से मना कर दिया था कि ये जगह पर्याप्ट नहीं है। तब जिद्दी तोता सिंह ने आस्ट्रेलिया से अपने बेटे का एक आर्किटेक्ट दोस्त को भारत बुलाया था। अधिकारियों से पूछा कि उन्हें जिला प्रबंधकीय बिल्डिंग में क्या-क्या चाहिए, कितनी स्पेशल खुली हो, कितनी बनी हो, पार्किंग आदि सभी। ये ब्यौरा लेने के बाद उन्होंने आर्टिटेक्ट को पूरा रिकार्ड सौंप दिया था। आर्किटेक्ट ने सात मंजिली बिल्डिंग का नक्शा तैयार जत्थेदार तोतासिंह को सौंप दिया। सात मंजिली बिल्डिंग में उससे भी ज्यादा सुविधाएं थीं तो पंजाब सरकार के उस समय के अधिकारी चाहते थे।

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