इस्लामाबाद: पाकिस्तान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पंजाब प्रांत के लाहौर और अन्य हिस्सों में बाढ़ को लेकर असाधारण खतरे की चेतावनी जारी की है। रावी, चिनाब और सतलुज नदियों में बाढ़ का पानी बढ़ गया, जिससे नरोवाल, सियालकोट और शकरगढ़ में दरारें पड़ गईं। कई इलाकों में पुल बहने से संपर्क टूटने की भी खबरें हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगले 48 घंटे बेहद अहम होंगे, क्योंकि भारी बारिश और भारत के दो बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदियां उफान पर हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि अधिकारियों को छह जिलों में सेना की मदद लेनी पड़ी है।
बाढ़ का असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पर भयंकर हुआ है, जो देश की खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र कहा जाता है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को अपनी नवीनतम अलर्ट में स्थिति को बेहद गंभीर बताया है। जस्सर में रावी नदी के तेजी से बढ़ने का अनुमान है, जो तटबंधों को डुबो सकती है। चिनाब और सतलुज में भी पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते अधिकारियों को अलर्ट जारी करना पड़ा है। NDMA ने निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों से सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है।
पाकिस्तान की 24 करोड़ आबादी में आधे लोग इसी प्रांत में रहते हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत से पानी छोड़ने जाने और लगातार बारिश ने नदियों को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने रावी नदी में 2,00,000 क्यूसेक और चिनाब नदी में 1,00,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से अगले 48 घंटों में बहुत तेज बाढ़ आने की आशंका बढ़ गई है। बाढ़ के हालात से निपटने के लिए लाहौर, कसूर, सियालकोट, फैसलाबाद, नरोवाल और ओकारा में राज्य सरकार ने मदद के लिए सेना को बुलाया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित जिलों में लोगों की जान बचाने और चल रहे बचाव कार्यों में सहायता के लिए तत्काल सैन्य सहायता मांगी है।