जालंधर, ENS: पंजाब में बाढ़ की वजह से लोगों का जनजीवन आज भी पटरी पर नहीं लौटा। किसानों की मदद के लिए पंजाब सरकार दिन रात मदद के लिए सबसे आगे खड़ी है मगर इस बीच जब पंजाब वासियों को केन्द्र सरकार से मदद की सबसे अधिक जरूरत थी तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने पंजाब का दौरा करके सिर्फ मदद करने का दिलासा दिया मगर पंजाब के हाथ में एक रुपया तक नहीं दिया जबकि इस वक्त पंजाब सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है जिससे उभरने के लिए पंजाब को कई साल लग सकते हैं।
पीएम दौरे को हुए 3 सप्ताह, पंजाब को नहीं भेजी 1600 करोड़ की राशि
आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा प्रधानमंत्री मोदी जी के पंजाब दौरे के तीन सप्ताह पूरे होने वाले हैं मगर अभी तक उनके द्वारा ऐलान किए गए 16 हजार करोड़ मदद की राशि पंजाब को नहीं भेजी गई। पंजाब के लाखों पीड़ित परिवार मोदी जी से सवाल कर रहे हैं कि आप हमारा दुख बांटने आए थे या फिर हमारी बर्बादी देखने?
केंद्र सरकार के पास पंजाब का 60 हजार करोड़ रुपये बकाया है। जिसमें 58 हजार करोड़ रुपये जीएसटी का है, रूरल डेवलपमेंट का पैसा है। ऐसे में केंद्र सरकार पर पंजाब के लोगों का जो जायज पैसा बनता है, वो तो पहले दे दें।”
2,185 गांवों की 5 लाख एकड़ फसलें हुई बर्बाद
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब के 2,185 गाँवों में लगभग 5 लाख एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं। अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों में भारी नुकसान हुआ है, जहाँ खेतों में पाँच फीट तक गाद और रेत जमा हो गई है। पंजाब में बाढ़ की तबाही के बाद जब खेतों से पानी हटा तो खेतों का ऐसा हाल हो चुका है कि किसान अपनी जमीन तक नहीं तलाश पा रहे हैं । पानी में बहकर आई रेत और गाद के कारण एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन की निशानदेही पूरी तरह से खत्म हो गई है। केन्द्र सरकार को इस वक्त बिना भेदभाव और राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब की मदद करनी चाहिए तांकि एक बार फिर पंजाब के खेतों में फसलें लहलहाए और उन्हे देखकर किसान खुश हो।