यमुनानगर: हरियाणा में मानसून की एंट्री होते ही कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। इन दिनों हो रही बरसात में सबसे ज्यादा नुकसान यमुनानगर में हुआ है। यहां लोगों के घरों में पानी घुस गया है। लगातार हो रही वर्षा के कारण शहर में सड़कों पर जल जमाव रहा। जिसके कारण शहरवासियों काे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बस स्टैंड के मुख्य द्वार, सरोजनी कॉलोनी के सामने पुराना नेशनल हाइवे, आजाद नगर, लाजपत नगर, प्रोफेसर कालोनी, तिलक नगर, जगाधरी के कन्हैया साहिब चौक सहित अन्य कई जगहों पर पानी जमा हो गया। मॉडल टाउन के कई सड़कों पर तीन-तीन फीट पानी खड़ा है। नालों की सफाई को लेकर भी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
हथनीकुंड बैराज पर करीब 12 बजे सर्वाधिक 25287 क्यूसे पानी का बहाव रहा। इसके अलावा सोम में 9496 क्यूसेक पानी बहा। साढौरा की नकटी नदी में भी जल बहाव बढ़ा है। जिसके कारण पास लगती कालोनी में पानी घुस गया। जिले में औसत 31.85 एमएम वर्षा हुई है। सर्वाधिक प्रतापनगर में 75 एमएम वर्षा हुई है। वर्षा होने से तापमान में भी गिरावट आई है। अधिकतम 34 व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। शहरवासियों का कहना है कि नालों की सफाई को लेकर नगर निगम अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं।
लेकिन वर्षा होते ही हकीकत सभी के सामने है। आलम यह है कि कई लोग गांव छोड़ कर दूसरे जगह शिफ्ट हो गए हैं। दरअसल, पहाड़ों पर हो रही बरसात से बरसाती नदियां उफान पर है। यमुनानगर में सोम और पथराला नदी उफान पर आने से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिले के कई गांवों में इस बार भी बरसाती नदी का पानी घुसने से किसानों की 500 एकड़ फसल तबाह हो गई है। लगातार मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान के बावजूद प्रशासन की ओर से बाढ़ बचाव के कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए हैं। इससे स्थिति बेकाबू होती चली गई। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। किसानों के खेतों में खड़ी फसल डूब गए हैं।
जिले के छछरौली कस्बे की बात करें तो यहां प्री मानसून की दस्तक के बाद से ही तबाही देखने को मिल रही है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से सोम और पथनाला नदी उफान पर है। इन उफनती नदियों की वजह से किसानों और लोगों के घरों में पानी घुस गया है। ऐसे में लोगों के नुकसान का अनुमान लगाना भी मुश्किल हो रहा है। सोम और पथनाला नदी का पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में जा रहा है, जिससे करीब 500 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। सड़के दरिया बन चुकी है।
सड़कों पर पानी के कारण लोगों को खास कर वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। इस बारे में यमुनानगर के किसान सोहन ने बताया, “जून के महीने में आज तक हमने इतनी भारी स्तर पर बारिश नहीं देखी है। समय से पहले मानसून आना और आवश्यकता से ज्यादा बरसाना यह किसानों के लिए तबाही से कम नहीं है। पथराला और सोम नदी के पानी से 500 एकड़ फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। अगर कुछ दिन बाद इन खेतों में धान की रोपाई करेंगे, तो फसल अच्छी नहीं होगी और गन्ने की फसल में ज्यादा पानी आने से उसे भी नुकसान हो रहा है।”