- Advertisement -
HomeHimachal66 वन मित्रों की पांच दिवसीय ट्रेनिंग शुरू, जंगलों की सुरक्षा को...

66 वन मित्रों की पांच दिवसीय ट्रेनिंग शुरू, जंगलों की सुरक्षा को मिलेगा बल

बंगाणा,ऊना,अम्ब फॉरेस्ट रेंज में महिला वन मित्र भर्ती का 60 प्रतिशत 

ऊना/ सुशील पंडित: जिला ऊना में वन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और वनों की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। वन विभाग द्वारा चयनित 66 वन मित्रों की पांच दिवसीय विशेष ट्रेनिंग का शुभारंभ किया गया है। यह प्रशिक्षण बंगाणा, ऊना और अम्व रेंज के अधिकारियों की देखरेख में आयोजित किया जा रहा है। जिला वन अधिकारी (डीएफओ) ऊना सुशील राणा के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल को वनों की निगरानी व्यवस्था को और मज़बूत बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। यह वन मित्र  जागरूक ग्रामीण नागरिक हैं जो अपने-अपने क्षेत्र की फॉरेस्ट बीट में पर्यावरण और वनों की रक्षा में वन विभाग का सहयोग करेंगे। इनकी भूमिका जंगलों की निगरानी, आगजनी की घटनाओं को रोकने, अवैध कटान पर अंकुश लगाने, और स्थानीय लोगों को वनों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने में बेहद महत्त्वपूर्ण होगी।

डीएफओ सुशील राणा ने कहा वन मित्र फॉरेस्ट विभाग की तीसरी आंख बनकर कार्य करेंगे। ये हमारे सीसीटीवी की तरह अपनी-अपनी बीट में पैनी नजर रखेंगे। इनकी मौजूदगी से विभाग को जमीनी स्तर पर जानकारी समय रहते मिल सकेगी। पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में वन मित्रों को फॉरेस्ट एक्ट, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन्य जीव सुरक्षा कानून, और फील्ड ड्यूटी से संबंधित विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा उन्हें आगजनी से बचाव के उपाय, जंगल की निगरानी कैसे करनी है, संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग, तथा आपात स्थिति में प्राथमिक प्रतिक्रिया देने जैसे व्यवहारिक कौशल भी सिखाए जा रहे हैं। वन मित्रों को वर्दी भी दी जा रही है, ताकि वे अपने क्षेत्र में पहचान बना सकें और लोगों को संदेश दे सकें कि वे वन विभाग के अधिकृत सहयोगी हैं। हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य, जहां का एक बड़ा हिस्सा वनों से आच्छादित है, वहां जंगलों की रक्षा करना एक बड़ी चुनौती है।

ऊना जिला भी इससे अछूता नहीं है। यहां समय-समय पर आगजनी, अवैध कटान, और पशुओं की अवैध तस्करी की घटनाएं सामने आती रही हैं। उन्होंने बताया कि अब वन विभाग अकेला नहीं रहेगा। फॉरेस्ट गार्ड के साथ-साथ हर बीट पर वन मित्रों की तैनाती से हमारी निगरानी क्षमता में कई गुना बढ़ोतरी होगी। इससे अवैध गतिविधियों पर तेजी से काबू पाया जा सकेगा। वन मित्र योजना का एक और बड़ा पहलू है – स्थानीय समुदाय को सीधे वनों की सुरक्षा के कार्य में जोड़ना। इससे न सिर्फ रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, बल्कि लोगों में अपनी प्राकृतिक संपदा के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित हो रही है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वन मित्रों ने कहा कि हमें गर्व है कि अब हम भी जंगलों की रक्षा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। हम अपनी बीट में हर गतिविधि पर नजर रखेंगे और समय रहते विभाग को सूचना देंगे।

वन विभाग का लक्ष्य है कि जिले के हर फॉरेस्ट बीट में कम से कम दो प्रशिक्षित वन मित्र मौजूद हों। भविष्य में इनके लिए मोबाइल एप और डिजिटल रिपोर्टिंग प्रणाली भी विकसित की जा रही है, जिससे वे तत्काल घटनाओं की जानकारी ऑनलाइन भेज सकें। वन मित्रों की यह ट्रेनिंग जिला ऊना के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई शुरुआत है। इनकी तैनाती से वन विभाग की कार्यक्षमता में सुधार आएगा और जंगलों की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी। इससे न केवल वनों की रक्षा होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय भी पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित होगा। यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है, जहां वनों की रक्षा के लिए समुदाय आधारित निगरानी व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page